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RSS कार्यकर्ता मर्डर केस में 7 PFI सदस्यों की जमानत खारिज, केरल HC ने कहा- आरोपी रिहा होने के हकदार नहीं

केरल उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) ने 2022 में राज्य के पलक्कड़ जिले में आरएसएस नेता श्रीनिवासन की हत्या के आरोपी सात पीएफआई सदस्यों की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. आरोपियों पर राज्य और देश के अन्य हिस्सों में कथित तौर पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का भी मुकदमा चल रहा है.

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हाईकोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार, सात आरोपियों में से एक ने श्रीनिवासन का पता लगाने और आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने के लिए रेकी करने के लिए हमलावरों द्वारा इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल की व्यवस्था की थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि सात आरोपियों में से दो ने 15 अप्रैल, 2022 को रेकी की थी.

पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप

इसके अलावा एक अन्य आरोपी के घर से जब्त किए गए कई दस्तावेज़, नोटिस, मैगजीन और अन्य सामान में ‘हाथ काटने के मामले’ से जुड़ा विवादास्पद प्रश्न पत्र भी शामिल था. ‘हाथ काटने का मामला’ 2010 में इडुक्की जिले की घटना से जुड़ा हुआ है, जहां आंतरिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगने के बाद प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हथेली काट दी गई थी.

आरोपी जमानत पर रिहा होने के हकदार नहीं

इनको देखते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि सातों आरोपी जमानत पर रिहा होने के हकदार नहीं हैं. यह फैसला आरोपी व्यक्ति की उस याचिका के बाद आया, जिसमें एनआईए की विशेष अदालत द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने को चुनौती दी गई थी.

51 लोगों को बनाया आरोपी

शुरुआत में, 16 अप्रैल, 2022 को श्रीनिवासन की हत्या के संबंध में 51 लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया था. गिरफ्तार संदिग्धों में से एक की मृत्यु हो गई, और सात अन्य फरार हैं. बाकी आरोपियों के लिए जुलाई और दिसंबर 2022 में दो चरणों में आरोपपत्र दायर किए गए. हत्या की जांच के दौरान, केंद्र को खुफिया जानकारी मिली थी कि केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगियों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने और केरल में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए अपने कैडर को कट्टरपंथी बनाने की साजिश रची थी.

एनआईए ने शुरू की जांच

सितंबर 2022 में, केंद्र ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया. 28 सितंबर, 2022 को केंद्र ने पीएफआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया. एनआईए ने 2023 में अपनी चार्जशीट दायर की, जिसके बाद आरोपियों ने स्पेशल कोर्ट के सामने अपनी जमानत याचिका दायर की. इस साल जून में, कोर्ट ने इसी मामले में 17 आरोपियों को जमानत दे दी, लेकिन नौ अन्य को राहत देने से इनकार कर दिया.

आरएसएस नेता की हत्या

पास का एक गांव में पीएफआई नेता सुबैर की कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा हत्या किए जाने के 24 घंटे से भी कम समय बाद आरएसएस के पूर्व जिला नेता और पदाधिकारी एस के श्रीनिवासन पर मेलमुरी, पलक्कड़ में उनकी मोटरसाइकिल की दुकान पर छह सदस्यीय गिरोह ने हमला किया था.

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