रतलाम के सैलाना क्षेत्र में मोहर्रम के जुलूस के दौरान ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखा बैनर जलाने के मामले में आरोपी अखाड़ा संचालक सईद खान को राहत नहीं मिली। इंदौर हाईकोर्ट ने मंगलवार को उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। घटना दो महीने पहले हुई थी और इसके वीडियो सामने आने के बाद इलाके में तनाव फैल गया था।
पुलिस ने बताया कि जुलूस का संचालन करते समय सईद खान ने अन्य चार आरोपियों के साथ मिलकर करतब दिखाते हुए बैनर को आग लगाने का प्रयास किया। वीडियो फुटेज और गवाहों के बयानों में साफ देखा गया कि सईद खान ने आरोपियों को निर्देश देते हुए बैनर जलाने की कोशिश में हिस्सा लिया। इसके बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
हाईकोर्ट में सईद खान ने जमानत के लिए आवेदन दिया था, लेकिन न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी की भूमिका गंभीर है और यह कार्रवाई समाज में शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
इस घटना के बाद सैलाना में व्यापक आक्रोश फैला था। स्थानीय लोगों ने बंद और प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए थे।
पुलिस ने मामले में गहन जांच शुरू कर दी है। जुलूस के दौरान हुए अन्य आरोपियों की भूमिका और उनके कृत्यों की भी जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी प्रकार की धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है।
इस घटना ने समाज में धार्मिक समरसता और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और पुलिस दोनों इस बात को लेकर सतर्क हैं कि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों। विशेषज्ञों का कहना है कि समुदायों के बीच आपसी समझ और संवेदनशीलता बनाए रखना बेहद जरूरी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से सामाजिक तनाव बढ़ता है और इसे रोकने के लिए कानून व्यवस्था के साथ-साथ जागरूकता भी जरूरी है। इस घटना से साफ हो गया कि धार्मिक मामलों में अनुशासन और कानून की पालना किसी भी स्थिति में अनिवार्य है।
अदालत और पुलिस का मानना है कि आरोपी की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई समाज में न्याय और सुरक्षा बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम हैं।