Bajaj को लगा बड़ा झटका! अगस्त से बंद कर सकती है EV प्रोडक्शन, ये है बड़ी वजहदेश की मशहूर ऑटो कंपनी बजाज ऑटो को एक बड़ा झटका लग सकता है. कंपनी के एमडी राजीव बजाज ने बताया है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो अगस्त 2025 से कंपनी को अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोडक्शन बंद करना पड़ सकता है.
दरअसल, इस परेशानी की सबसे बड़ी वजह चीन है, जिसने रेयर अर्थ मैग्नेट्स के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. ये मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक मोटर बनाने के लिए बहुत ज़रूरी कच्चा माल होते हैं. इनके बिना इलेक्ट्रिक वाहन बनाना मुश्किल हो सकता है.
रेयर अर्थ मैग्नेट्स की कमी से ठप हो सकता है प्रोडक्शन
बजाज फिलहाल अपने Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर और हाल ही में लॉन्च किए गए GoGo ई-रिक्शा का प्रोडक्शन कर रही है, लेकिन अब चीन से रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई रुकने लगी है, जिससे EV मोटर बनाने में जरूरी सामग्री नहीं मिल पा रही है. कंपनी का कहना है कि अगर मौजूदा स्टॉक जल्द ही खत्म हो गया और वैकल्पिक आपूर्ति नहीं मिली, तो अगस्त 2025 कंपनी के लिए ‘जीरो प्रोडक्शन मंथ’ साबित हो सकता है.
बजाज ने सरकार से मांगी मदद
राजीव बजाज ने इस मुश्किल हालात को लेकर गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) में लगने वाले मैग्नेट्स का लगभग 90% हिस्सा चीन से आता है. चीन की नई एक्सपोर्ट पॉलिसी की वजह से बजाज ही नहीं, बल्कि कई और भारतीय ऑटो कंपनियों की सप्लाई चेन पर असर पड़ा है.
राजीव बजाज ने भारत सरकार से अपील की है कि वो इस मामले को गंभीरता से देखे. उन्होंने कहा कि सरकार को नीति में स्थिरता और साफ दिशा देनी चाहिए ताकि कंपनियाँ देश में ही समाधान या नए सप्लायर जल्दी से खोज सकें.
केवल बजाज नहीं, TVS और Ather भी प्रभावित
बजाज की तरह अन्य इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियां जैसे कि TVS और Ather Energy भी इसी समस्या से जूझ रही हैं. ये कंपनियाँ भी सप्लाई में दिक्कतों के कारण अपने प्रोडक्शन को धीरे-धीरे कम कर रही हैं.
अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकलता है तो आने वाले समय में ग्राहकों को इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है. इससे न केवल EV की उपलब्धता घटेगी, बल्कि उनकी कीमतों में भी इजाफा हो सकता है.
क्या है रेयर अर्थ मैग्नेट्स का महत्व?
रेयर अर्थ मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) के लिए बहुत जरूरी पार्ट होते हैं. ये खासतौर पर मोटर को चलाने में काम आते हैं. इन मैग्नेट्स का प्रोडक्शन बहुत ही कम देशों में होता है. इस समय चीन सबसे बड़ा प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर है इन मैग्नेट्स का. जब चीन इन पर निर्यात (एक्सपोर्ट) रोक लगाता है, तो इसका सीधा असर पूरी दुनिया की इलेक्ट्रिक गाड़ी बनाने वाली कंपनियों पर पड़ता है.