नेपाल में जारी “Gen-Z आंदोलन” ने देश की राजनीति को गहराई तक हिला दिया है। यह आंदोलन मौजूदा सत्ता व्यवस्था के खिलाफ युवाओं के गुस्से का प्रतीक बन गया है। इसी बीच आंदोलनकारियों की पहली पसंद बने हैं काठमांडू के मेयर बालेन शाह, जिन्हें लोग सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर बालेन शाह कौन हैं और क्यों युवाओं की नज़र में वे बदलाव का चेहरा बन गए हैं।
बालेन शाह पेशे से सिविल इंजीनियर और रैपर भी रहे हैं। 2022 में उन्होंने बिना किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी के समर्थन के काठमांडू मेट्रोपोलिटन सिटी के मेयर का चुनाव जीता था। उनकी जीत को नेपाल की राजनीति में बड़ा उलटफेर माना गया था। मेयर बनने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए और अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करके युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल की।
नेपाल की मौजूदा राजनीति में जहां भ्रष्टाचार, परिवारवाद और वादाखिलाफी आम हो चुकी है, वहीं बालेन शाह को एक ईमानदार और साहसी नेता के रूप में देखा जा रहा है। उनकी साफ-सुथरी छवि और सख्त प्रशासनिक निर्णयों ने उन्हें युवाओं का रोल मॉडल बना दिया है। यही वजह है कि आज “Gen-Z आंदोलन” के केंद्र में उनका नाम गूंज रहा है।
युवा वर्ग का मानना है कि पुरानी पार्टियां केवल सत्ता और स्वार्थ की राजनीति कर रही हैं, जबकि बालेन शाह ने जनता से सीधे संवाद कर यह भरोसा दिलाया है कि बदलाव संभव है। आंदोलनकारियों का कहना है कि देश को अब एक ऐसे नेतृत्व की ज़रूरत है जो पारदर्शी हो और जनता की आवाज़ को समझ सके।
हालांकि, बालेन शाह ने अब तक राष्ट्रीय राजनीति में आने का कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन हाल की घटनाओं और उनके बढ़ते जनसमर्थन को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भविष्य में नेपाल की सियासत का बड़ा चेहरा बन सकते हैं।
फिलहाल नेपाल की सियासत उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है और बालेन शाह युवाओं की नज़रों में एक ऐसे नेता हैं, जिनसे वे बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे हैं।