बलिया : 25 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन के निर्माण के लिए भूमि चिन्हीकरण में लापरवाही बरतने पर संबंधित उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल, सचिव, खण्ड विकास अधिकारी एवं एडीओ (पं) का वेतन रोकने के निर्देश डीएम ने दिया है.जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है.
जिलाधिकारी श्री मंगला प्रसाद सिंह ने कल देर सायं तक कलेक्ट्रेट सभागार में ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की.बैठक में जिला पंचायतराज अधिकारी ने कहा कि 25 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां पर भूमि उपलब्ध न होने के कारण पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
जिलाधिकारी ने इन 25 ग्राम पंचायतों के लेखपालों, कानूनों, सचिव ग्राम पंचायत एवं तहसीलदार से भूमि की उपलब्धता के लिए अब तक किए गए प्रयासों की जानकारी प्राप्त करने पर पाया कि भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर पंचायत भवन के निर्माण के लिए प्राथमिकता के आधार पर विशेष ध्यान देते हुए ठीक प्रकार से प्रयास नहीं किया गया.
लापरवाही पाए जाने पर इन 25 ग्राम पंचायतों के सचिव, लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार, उप जिलाधिकारी सदर, उप जिलाधिकारी बांसडीह, उप जिलाधिकारी बैरिया, तहसीलदार सदर, तहसीलदार बांसडीह, तहसीलदार बैरिया एवं संबंधित सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), खण्ड विकास अधिकारी दुबहर, खण्ड विकास अधिकारी रेवती, खण्ड विकास अधिकारी बांसडीह, खण्ड विकास अधिकारी सोहाव, खण्ड विकास अधिकारी बैरिया, खण्ड विकास अधिकारी हनुमानगंज, खण्ड विकास अधिकारी गड़वार, खण्ड विकास अधिकारी बेरूआरवारी एवं खण्ड विकास अधिकारी मुरलीछपरा का वेतन रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि वेतन तब तक आहरित नहीं होगा, जब तक भूमि चिन्हित नहीं कर लिया जाता। उन्होंने कहा कि 10 जुलाई तक पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाय.
बैठक में ग्राम पंचायत रामपुर मसरिक में पंचायत भवन के निर्माण न होने की समीक्षा के दौरान बताया गया कि रामपुर मसरिक नदी में विलीन हो गया है.रामपुर मसरिक के लोग ग्राम छपरा सारीब में आकर बस गए हैं तथा रामपुर मसरिक ग्राम के विकास के लिए धनराशि व्यय की जा रही है, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि यह धनराशि कहा व्यय पर की जा रही है.इसके साथ ही उन्होंने जिला पंचायतराज अधिकारी को रामपुर मसरिक ग्राम के संबंध में शासन को पत्र प्रेषित करने के भी निर्देश दिए.
जिलाधिकारी ने जिला पंचायतराज अधिकारी से कहा कि जिन ग्राम प्रधानों ने पंचायत भवन निर्माण के लिए अपनी भूमि दान में दिया है तथा जिन ग्राम प्रधानों ने स्वयं प्रयास कर पंचायत भवन का निर्माण कार्य कराया है, ऐसे सभी ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया जाय। उन्होंने रियल टाइम खतौनी न रखने वाले लेखपालों एवं कानूनगो का वेतन रोकने के निर्देश दिए.
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज, अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन, संबंधित उप जिलाधिकारीगण एवं तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, लेखपाल, सचिव तथा संबंधित ग्राम प्रधान उपस्थित रहे.