उत्तर प्रदेश : बलिया बाढ़ प्रभावित जनपद है। यहां हर साल बाढ़ का प्रकोप देखने को मिलता है अब तक न जाने कितने परिवारों को अपना घर तोड़ना और छोड़ना पड़ा, खेती की जमीन कटान के भेंट चढ़ गई. हर साल लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है.लोगों को बेघर होना पड़ता है, बुनियादी सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है, कई गांवों का अस्तित्व मिट गया। इस वर्ष भी कुछ ऐसा ही नजारा देखनो मिल रहा है शहर से लेकर गांवों में हाहाकर मचा हुआ है। पक्के मकान कटान के भेंट चढ़ रहे है तो वही कई परिवारों ने स्वयं अपना आशियाना अपने हाथों तोड़ दिया.
जनपद बलिया बिहार का बार्डर है गंगा के उसपार बिहार का जिला बक्सर, आरा और छपरा है.जहां से बाढ़ प्रभावित गांवों की हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही है वहीं बलिया में भी बाढ़ का तांडव देखने को मिल रहा है.पूर्वांचल सहित बलिया में बारिश भले ही ना के बराबर हुई है। लेकिन गंगा नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा नदी ने खतरा बिंदु क्रॉस कर लिया है.ऐसे में शनिवार की शाम बलिया सदर तहसील के गंगा नदी उस पार शिवपुर नंबरी दियारा में अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार पहुंचकर जायजा लिया.उन्होंने कहा कि दस दिन पहले बाढ़ आई थी। जलस्तर कम हुआ था लेकिन इस बार उससे भी ज्यादा पानी आया है, अभी ज्यादा पानी बढ़ेगा.
बता दें कि गंगा नदी पूरी तरह से बलिया में उफान पर है.सदर तहसील के दक्षिण तरफ से निकलती हुई गंगा नदी बैरिया तहसील के तरफ गई है। आस पास के गांव में पानी घुस चुका है। गंगा नदी उस पार शिवपुर नंबरी में पहुंचे अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, इसके लिये जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए बताया जा रहा है। यहां तक कि बाढ़ राहत चौकी स्थापित कर मानव डॉक्टरों और पशु चिकित्सकों की ड्यूटी लगा दी गई है,कल से निरंतर भ्रमण पर रहेंगे।ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.
अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि हमारे जिलाधिकारी महोदय वहां जा चुके हैं,उप जिलाधिकारी आलोक कुमार सिंह हमेशा उधर जा रहे हैं। बैरिया के दयाछपरा, गोपालपुर टाड़ी गांवों में जलस्तर बढ़ गया है.दुर्भाग्य है कि बैरिया तहसील का चक्की नौरंगा गांव नदी उस पार है। वहां कई घर बाढ़ के भेंट चढ़ गए हैं। जिसका नुकसान हुआ है उनके खाता में पैसा भेज दिया गया है। एडीएम अनिल कुमार ने कहा कि चूंकि चक्की नौरंगा गांव के लोगों को हमने खुद प्रपोज किया था कि आप लोगों को हम अन्यत्र जमीन एलाट कर दे रहे हैं.
लेकिन उनका कहना था कि हम यहीं जन्में है और उक्त स्थान से उन लोगों का बेहद लगाव है। उन्हें सुरक्षित स्थान जाने के लिए जागरूक किया गया है।उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जायेगी.
बलिया में गंगा नदी हाई फ्लड लेवल को पार करने की तरफ तेजी से बढ़ रही है। बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता की तरफ से नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की एडवाइजरी जारी की गयी है.जिसके अनुसार 31 जुलाई को धौलपुर राजस्थान चम्बल नदी से 16 लाख क्यूसेक तथा माताटिला डैम से तीन लाख क्यूसेक पानी प्रवाहित यानि छोड़ा गया है।जिसकी वजह से जनपद बलिया में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होगी तथा गंगा नदी का जलस्तर उच्चतम जलस्तर 60.39 मीटर के आस-पास रहेगा।जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है.उक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए गंगा नदी के किनारे बसी आबादी सतर्क हो जाय तथा सुरक्षित स्थानों पर चली जाय।जिससे बाढ़ से सुरक्षा प्रदान हो सके.
गंगा नदी का जलस्तर गायघाट गेज पर खतरा बिन्दु 57.615 के ऊपर 59.10 पर पहुंच गया है। नदी निरन्तर बढ़ाव पर है। गंगा नदी के तीव्र बढ़ाव को देखते हुए जिला प्रशासन एलर्ट मोड में है.बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बाढ़ चौकियां,मानव चिकित्सक,पशु चिकित्सक, एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गयी है। बता दें कि गंगा नदी के बाढ़ का पानी दूबे छपरा,उदई छपरा,गोपालपुर,केहरपुर सहित दस से अधिक गांवों में प्रवेश कर गया है।जिसकी वजह से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
लोग नावों के सहारे आवागमन करने पर विवश हैं.वहीं लोगों के पलायन का सिलसिला निरन्तर जारी है.गंगा नदी का सबसे ज्यादा प्रकोप चक्की नौरंगा पर हुआ है.एक दर्जन से अधिक पक्के मकानों को नदी निगल चुकी है.वहीं हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि को भी नदी अपना निवाला बना चुकी है।इधर शहर के निचले इलाके निहोरा नगर, कृष्णानगर,गायत्री कालोनी,बेदुआ आदि में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।जिसकी वजह से लोगों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.