बलिया: शहर का निचला इलाका बाढ़ के चपेट में, कई परिवार एक्सप्रेस-वे किनारे पन्नी के नीचे रहने को मजबूर

उत्तर प्रदेश: बलिया जनपद दो नदियों से घिरा हुआ है, अब इन दोनों नदियों का जलस्तर लगातर बढ़ रहा है. नदी किनारे कटान भी जारी है. बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट मूड में होने का दावा कर रही है. वहीं डीएम मंगला प्रसाद भी बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों का दौरा कर जिम्मेदारों को जरूरी निर्देश भी जारी किया है. बाढ़ की स्थिति को लेकर बैठके भी जारी है. बात बलिया शहर की करे तो गंगा नदी का पानी निचले इलाकों में स्थित घरों तक पहुंच गया है. जिसकी वजह से लोगों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. 

जनपद मुख्यालय के निहोरा नगर महावीर घाट के इलाकों में एक दर्जन से अधिक घरों में गंगा नदी के बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसकी वजह से कुछ परिवार निर्माणधीन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे पन्नी डालकर शरण लिए हुए हैं. बलिया में गंगा नदी का जल स्तर चेतावनी बिन्दु के ऊपर बह रहा है. निहोरा नगर निवासिनी प्रीति देवी ने बताया कि बाढ़ में प्रतिवर्ष हमारा घर डूब जाता है. हमारे झोपड़ी में पूरा पानी आ चुका है, वहां रहने लायक नहीं है. ऐसे में हम गरीब जाए तो कहां जाए?

बाढ़ पीड़ित गीता देवी ने बताया कि रहने-खाने की दिक्कत हो रही है. ऐसे में हाइवे के किनारे पन्नी डालकर रह रहे हैं. हमको कोई पूछने वाला नहीं है. सरकार की तरफ से अभी तक कोई मदद नहीं मिला है. निर्माणाधीन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे पन्नी डालकर निवास कर रही बसंती देवी ने रोटी सेंकते हुए बताया कि बाढ़ आई है, पानी घर में घुस गया है तो कहां रहेंगे. हम यहां चार दिनों से है, बहुत परेशानियां हैं. अब देखना होगा जो परिवार बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं उन परिवारों तक शासन-प्रशासन कब तक मदद के लिए पहुंचती है. 

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