बलिया : 24 घण्टे की चेतावनी पर नही जागा जिम्मेदार प्रशासन, चंदे के पैसे से महापुरुष के प्रतिमा का हुआ जीर्णोद्धार

 

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यूपी : बलिया में एक ऐसे महापुरुष की प्रतिमा लगभग 6 माह से खण्डित थी जिन्होंने अपने कविता और गीत से न केवल अंग्रेजो के दाँत न खट्टे कर दिए बल्कि वीर योद्धाओं में जोश भरने का काम किया.जिसका नितजा ये था कि हमारा जिला अंग्रेजी हुकूमत से सबसे पहले आजद हुआ और बागी बलिया कहलाया.

प्रतिमा खण्डित होने की सूचना युवा समाजसेवी सागर सिंह राहुल तक पहुंची तो जिम्मेदार प्रशासन को 24 घण्टे में प्रतिमा को ठीक कराने की चेतावनी दे दी.लेकिन 36 घण्टे बीतने के बाद भी जिले का जिम्मेदार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने सुध लेना तक मुनासिब नही समझा.

अंततः सागर सिंह ने आसपास के लोगों से चंदे का पैसा इक्कठा किया और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कविता लिखने वाले स्व जगदीश ओझा सुंदर की प्रतिमा का जीर्णोद्धार कराते हुए प्रशासन को आईना दिखाने का काम किया.

प्रतिमा खण्डित होने का मामला शहर की धड़कन कहे जाने वाले शहीद पार्क की है, महात्मा गांधी के प्रतिमा के ठीक पीछे अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कविता और गीत लिखने वाले जगदीश ओझा सुंदर की प्रतिमा पिछले 6 माह से खण्डित स्थित में थी.शहीद पार्क के रख रखाव की जिम्मेदारी नगर पालिका प्रशासन की है.

इस पार्क में हर साल अनेक सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. सागर सिंह ने बताया कि प्रतिमा का मुख पहले दक्षिण दिशा में था जिसे खण्डित कर उत्तर दिशा में कर दिया गया और किसी ने प्रतिमा को ठीक कराने की ज़िम्मेदारी नही ली.बताया मेरे द्वारा प्रशासन को 24 घण्टे का अल्टीमेटम दिया गया बावजूद किसी ने जिम्मेदारी नही ली नतीजन हमने अपने साथियों के साथ चंदे का पैसा इक्कठा कर प्रतिमा का जीर्णोद्धार किया.

इस दैरान नगर पालिका प्रशासन और जिले के जनप्रतिनिधियों पर गैरजिम्मेदाराना होने का ठीकरा फोड़ा कहा शर्म आनी चाहिए यहां के जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार प्रशासन को कि आज वीर योद्धाओं और महान सेनानियों के इस धरती पर महापुरुषों का अपमान किया जा रहा है और जिम्मेदारों ने मानो अपनी आंखें बंद कर ली हो.

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