बलौदाबाजार हिंसा: हटाए गए कलेक्टर-SP, सीएम साय ने ली सतनामी समाज की बैठक, प्रमुखों ने कहा- घटना से बेहद आहत, चैंबर ऑफ कॉमर्स का कल बंद

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा के बाद राज्य सरकार ने जिले के कलेक्टर और SP को हटा दिया गया है. मंगलवार देर रात आदेश जारी किया गया. IAS अधिकारी दीपक सोनी को बलौदाबाजार जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है. विजय अग्रवाल नए एसपी होंगे. हटाए गए कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को रायपुर पुलिस मुख्यालय में भेज दिया गया है.

छ्त्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में सोमवार को सतनामी समाज के आंदोलन में हिंसा भड़की थी. सतनामी समाज के स्तंभ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में लोगों ने बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस को आग के हवाले कर दिया था. जिसके बाद सोमवार रात ही पूरे जिले में धारा 144 लागू है. वहीं अब हिंसा की निष्पक्ष जांच के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने 10 स्पेशल टीम गठित की है. इस टीम में DSP, TI, ASI समेत हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं.

इधर, सीएम विष्णुदेव साय ने बलौदाबाजार जिले की घटना को लेकर सतनामी समाज के प्रमुखों की बैठक ली. इसमें उन्होंने कहा कि बाबा गुरु घासीदास का संदेश समाज में शांति और सद्भाव का रहा है. सतनामी समाज प्रमुखों ने कहा कि समाज के सभी लोग घटना से आहत हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ की कार्रवाई की है, वो असामाजिक तत्व थे और हमारे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं थे. शांति और सौहार्द्र स्थापित करने के लिए हम सब दृढ़संकल्पित हैं. सतनामी समाज के राज्यभर से आए प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री  साय से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात की. बलौदाबाजार जिले में हुई घटना के संबंध में शांति और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण चर्चा की और एक बार फिर शांति स्थापित करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया.

बलौदाबाजार जिले में लगभग 2000 पुलिसकर्मी अन्य जिलों से आए हैं, जिन्हें संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है. पुलिस लगातार हिंसा के वीडियो फुटेज को खंगाल रही है और उपद्रवियों की पहचान करने में जुटी है. आरोपियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि गिरफ्तारी के बाद जेल लेकर जाते वक्त नेताओं की तरह हाथ हिलाते नजर आ रहे थे.

सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई. हिंसा के पीछे सरकार ने कांग्रेस की राजनीतिक साजिश बताया है. आरोप लगाया है कि कांग्रेस के विधायकों, पूर्व मंत्रियों और नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया है. साथ ही हिंसा करने वालों से नुकसान की वसूली की बात कही है.

दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे राज्य सरकार का फेलियर बताते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है. 14 जून को कांग्रेस नेता घटना स्थल पर जाएंगे. घटना के विरोध में चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 13 जून को बलौदाबाजार बंद बुलाया है.

इस मामले में 7 अलग-अलग FIR दर्ज की गई है. अब तक 73 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जबकि 200 हिरासत में हैं. उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई है.

उपद्रवियों ने 75 बाइक, 20 कार और 2 दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की. इसके बाद कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में आगजनी की. इससे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए. कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित ध्वजारोहण के पोल पर सफेद रंग का ध्वज लगा दिया था.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. इसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग भी घायल हुए हैं. घटना की सूचना मिलने के बाद डिप्टी CM विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल पहुंचकर मौके का जायजा लिया. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए.

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