बलरामपुर: 10 फीट अजगर ने बत्तख को निगला, रेस्क्यू के बाद जंगल में छोड़ा; हाथियों ने फसल भी रौंदी

बलरामपुर जिले में ग्रामीण जंगली जानवरों से परेशान है। ग्राम पंचायत तामेश्वरनगर में शुक्रवार (19 सितंबर) को एक अजगर ने किसान के घर घुसकर बत्तख को निगल लिया। जिसके बाद वह घंटों वहीं बैठा रहा। कुछ समय बाद वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ा।

मामला रामानुजगंज वन परिक्षेत्र का है। वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि अजगर करीब 10 फीट लंबा है और फुर्तिला स्वभाव का है। जंगल में छोड़ने के दौरान वह इधर-उधर भागने की कोशिश कर रहा था। वहीं, जिले के सोनहत गांव में 15-16 हाथियों के एक झुंड ने किसानों की फसलें खराब की है।

रात से घर में घुसकर बैठा था अजगर

ग्राम पंचायत तामेश्वरनगर में किसान मीनू घोष का घर है। उसने अपने घर में बत्तख पाल रखा है। तभी सुबह सुबह एक अजगर ने उनमें से एक बत्तख को निगल लिया। बताया जा रहा है अजगर रात से ही घर में घुसकर बैठा था। सुबह माहौल शांत देख उसने बत्तख को निगला।

घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जहां देखा कि अजगर शांत बैठा था। जिसके बाद सुरक्षित रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ दिया गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। जिसमें

रामानुजगंज वन विभाग की टीम उपेंद्र यादव के नेतृत्व में रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि ऐसी किसी भी स्थिति में घबराने के बजाय तुरंत विभाग को सूचित करें, ताकि वन्यजीवों को सुरक्षित उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जा सके। ग्रामीणों ने विभाग की तुरंत कार्रवाई की सराहना की।

जिले के सोनहत गांव में 15 हाथियों का झूंड

बलरामपुर के रघुनाथनगर वन परिक्षेत्र के सोनहत गांव में जंगली हाथियों का आतंक लगातार तीसरे दिन भी जारी है। करीब 15-16 हाथियों का एक झुंड गांव के आसपास डेरा डाले हुए है, जिसने धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इससे किसानों में भय और चिंता का माहौल है।

हाथियों के झुंड ने गांव के कई हिस्सों में धान की फसलें पूरी तरह बर्बाद कर दी हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। ग्रामीण वन विभाग पर हाथियों को गांव से हटाने के लिए ठोस कदम न उठाने और केवल आश्वासन देने का आरोप लगा रहे हैं।

प्रभावित किसान जल्द से जल्द मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह समस्या हर साल आती है, लेकिन न तो समय पर मुआवजा मिलता है और न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं। अब तक केवल कागजी कार्यवाही ही चल रही है।

रघुनाथनगर परिक्षेत्र के प्रभारी रेंजर शिवनाथ ठाकुर ने बताया कि प्रभावित खेतों का सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मुआवजे की प्रक्रिया जल्द पूरी कर किसानों को राहत राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही, ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए मुनादी भी करवाई गई है।

हालांकि, वन विभाग की कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

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