शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि इस निर्माण कार्य के नाम पर भुगतान किया गया राशि पूरी तरह से फर्जी है, क्योंकि ईदगाह के पास कहीं भी कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है. स्थानीय निवासी आरिफ और सहजाद ने बताया कि ईदगाह के आसपास ना तो कोई सड़क बनाई गई और ना ही इंटरलॉकिंग का कोई काम हुआ है. इसके बावजूद सरकारी दस्तावेजों में यह दिखाया गया है कि यहां काम हुआ है और भारी भुगतान किया गया है.
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ग्रामवासियों का कहना है कि यह मामला गंभीर है और इसकी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने पंचायत विभाग के सरकारी मोबाइल से “मेरी पंचायत” ऐप पर जांच की मांग की है, जहां ईदगाह के पास इंटरलॉकिंग निर्माण के नाम पर भुगतान का विवरण दर्ज है, जो स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी की ओर इशारा करता है. ग्रामीणों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं और मामले की उचित जांच नहीं हो रही है.
इस संदर्भ में जब खंड विकास अधिकारी से सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि मामला सामने आया है और इसकी जांच कराई जाएगी. हालांकि, अभी तक जांच शुरू होने की कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है, जिससे यह साफ है कि मामले में कितनी गम्भीरता दिखाई जा रही है.
अब यह देखना होगा कि पंचायत विभाग और स्थानीय अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं, और क्या दोषियों के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाया जाएगा. ग्रामीणों की मांग है कि इस प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सचमुच जरूरतमंदों तक पहुंचे.