बलरामपुर: नगरपालिका बलरामपुर की बड़ी लापरवाही सामने आई है. पार्षद अमित गुप्ता ने नगरपालिका की छत पर रखी लाखों रुपये की दवाइयों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसके बाद नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं.
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वस्थ योजना के तहत खरीदी गई दवाइयाँ जुलाई 2025 में एक्सपायर हो गईं. यह वही दवाइयाँ थीं, जिन्हें ज़रूरतमंद मरीजों तक पहुँचाना था, लेकिन समय रहते न तो वितरित किया गया और न ही नियमानुसार नष्ट किया गया.
बारिश के बाद छत से झाग बहते हुए भी दिखाई दिए. पार्षद का आरोप है कि यह ब्लीचिंग पाउडर था, जिसे सफाई कार्य में उपयोग करने की बजाय कबाड़ में छुपाकर रखा गया. मामला सामने आने के बाद नगरपालिका उपाध्यक्ष ने कार्रवाई की बात कही, लेकिन मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) गोलमोल जवाब देते नज़र आए. उन्होंने दवाइयों को तीन साल पुराना बताते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की, जबकि एक्सपायरी डेट स्पष्ट रूप से जुलाई 2025 दर्ज थी.
सवाल उठ रहा है कि जब दवाइयाँ हाल ही में एक्सपायर हुईं, तो इन्हें समय रहते ज़रूरतमंदों तक क्यों नहीं पहुँचाया गया. इसी तरह, जिस केमिकल पाउडर की बिलिंग फायर फाइटिंग मशीन के साथ दिखाई गई है, उसे हैंडओवर क्यों नहीं किया गया? आखिरकार लाखों रुपये की सामग्री कर्मचारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई. अब देखना यह होगा कि इस गंभीर मामले में जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी महज खानापूर्ति बनकर रह जाएगा.