देश में हर तरह के विज्ञापन अखबार, टीवी, रेडियो, डीजिटल और भी कई जगह पर दिए जाते हैं, जिसमें हर तरह के प्रोडक्ट के लिए विज्ञापन दिया जाता है, जिसमें धूम्रपान संबंधित चीजों के विज्ञापन भी अकसर दिखाई देते हैं. धूम्रपान के विज्ञापनों में अब खिलाड़ी भी दिखाई देते हैं, जिस पर अब केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़ा कदम उठाया है, जिससे युवाओं में धूम्रपान की बढ़त को रोका जा सके.
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीसीसीआई (BCCI) को इस मामले में चिट्ठी लिखी, जिसमें खिलाड़ियों के शराब और तंबाकू संबंधित विज्ञापन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सरकार ने क्या कहा
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने चिट्ठी में कहा है कि बीसीसीआई खिलाड़ियों के तंबाकू और शराब से संबंधित उत्पादों के विज्ञापनों को रोकने के लिए कदम उठाए. इस चिट्ठी में खिलाड़ियों के धूम्रपान के विज्ञापनों को रोकने के लिए कुछ उपाय भी सुझाए गए. जिनमें तम्बाकू विरोधी हित घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना शामिल है.
बीसीसीआई के आयोजित किए गए या भागीदारी वाले स्टेडियमों या आयोजनों में प्रचार/विज्ञापन नहीं किया जाए. बीसीसीआई के दायरे के तहत खिलाड़ियों को धूम्रपान के विज्ञापनों के प्रमोशन/ पार्टनरशिप से दूर रहने के निर्देश जारी करना.
साथ ही, चिट्ठी में अनुरोध किया गया है कि आईपीएल जैसे बीसीसीआई के खेल आयोजनों में मशहूर हस्तियों द्वारा इस तरह के विज्ञापनों की इजाजत न दी जाए.
युवा हो रहे आकर्षित
दलील दी गई है कि इन विज्ञापनों में शामिल मशहूर हस्तियों को न केवल देश के अंदर बल्कि दुनिया भर के लाखों युवा रोल मॉडल मानते हैं और इससे युवाओं में धूम्रपान की तरफ आकर्षण बढ़ रहा है. इस तरह के कदम उठाने से न केवल युवाओं के बीच तंबाकू की खपत को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्वास्थ्य और फिटनेस के समर्थक के रूप में युवाओं के बीच खिलाड़ियों की छवि भी मजबूत होगी.
सरकार ने तंबाकू सेवन से संबंधित पेश किए आंकड़े
सरकार ने तंबाकू के सेवन से संबंधित कुछ आंकड़े भी पेश किए हैं जिसमें कहा गया है कि
- भारत दुनिया भर में तंबाकू से होने वाली मौतों के मामले में दूसरे स्थान पर है.
- हर साल लगभग 13.5 लाख रोकी जा सकने वाली मौतें तंबाकू के इस्तेमाल से दर्ज की जाती हैं.
- इसके अलावा, भारत में सभी कैंसरों में से 33% तंबाकू से संबंधित कैंसर हैं
- पुरुषों में लगभग 50% कैंसर और महिलाओं में 17% कैंसर तंबाकू के कारण होते हैं.
- सर्वे से पता चला है कि भारत में तंबाकू सेवन शुरू करने की उम्र सात साल से भी कम है
तंबाकू नियंत्रण के मुद्दे को संबोधित करने के लिए, भारत सरकार ने 2007-08 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) शुरू किया था, जिसका मकसद
- (i) तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना था
- उत्पादन कम करना और तंबाकू उत्पादों की आपूर्ति
- COTPA 2003 और PECA 2019 के तहत प्रावधानों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना
- (iv) लोगों को तंबाकू का सेवन छोड़ने में मदद करना