बांग्लादेश के सतखीरा के श्यामनगर में जेशोरेश्वरी मंदिर में देवी काली का मुकुट चोरी हो गया है, जिसे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट में दिया था. मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी के अनुसार, वह दिन भर की पूजा पूरी करने के बाद दोपहर करीब 2:00 बजे मंदिर से चले गए थे. इसके कुछ देर बाद, मंदिर के सफाई कर्मचारी परिसर की सफाई करने के लिए अंदर आए. कुछ देर बाद, उन्होंने देखा कि देवी के सिर से मुकुट गायब था. पीएम मोदी ने बांग्लादेश की अपनी यात्रा के तहत 27 मार्च, 2021 को जेशोरेश्वरी मंदिर का दौरा किया था.
भारत ने उठाई जांच की मांग
घटना सामने आने के बाद भारतीय उच्चायोग ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत ने बांग्लादेश से जेशोरेश्वरी काली मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेंट किए गए मुकुट की चोरी की जांच करने, उसे वापस पाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुजारिश की है.
मंदिर हिंदू धर्म के 52 शक्तिपीठों में से एक है
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह मंदिर हिंदू धर्म के 52 शक्तिपीठों में से एक है. उस दिन, मोदी ने प्रतीकात्मक इशारे के तौर पर देवी के सिर पर मुकुट रखा था. द डेली स्टार से बात करते हुए, श्यामनगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर तैजुल इस्लाम ने घटना की पुष्टि की और कहा कि वे चोर की पहचान करने के लिए मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं.
मंदिर की देखभाल पीढ़ियों से कर रहे परिवार के सदस्यों में से एक ज्योति चट्टोपाध्याय ने कहा कि मुकुट चांदी से बना था और उस पर सोने की परत चढ़ी हुई थी. पीएम मोदी ने मंदिर की अपनी यात्रा का एक वीडियो भी साझा किया था, जो कि COVID-19 महामारी के बाद किसी भी देश की उनकी पहली यात्रा थी.
ऐसा माना जाता है कि मंदिर का निर्माण अनारी नामक एक ब्राह्मण ने 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में करवाया था. उन्होंने जशोरेश्वरी पीठ (मंदिर) के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनाया और बाद में 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन ने इसका जीर्णोद्धार कराया और अंत में राजा प्रतापादित्य ने 16वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण कराया.
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, 52 पीठों में से ईश्वरीपुर मंदिर वह स्थान है जहां देवी सती के हथेलियां और पैरों के तलवे गिरे थे और देवी वहां देवी जशोरेश्वरी के रूप में निवास करती हैं और भगवान शिव चंदा के रूप में प्रकट होते हैं.