बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 14 पुलिसकर्मियों समेत करीब 100 लोगों की जान चली गई है. सैकड़ों लोग घायल हैं. हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट पर बैन लगाया गया है.
सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर लंबे समय से चल रहा छात्रों का प्रदर्शन रविवार को उग्र हो गया था. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब उनकी एक ही मांग है पीएम शेख हसीना का इस्तीफा.बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रोथोम अलो ने बताया कि देश भर में झड़पों, गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक देशभर में 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं. इनमें से 13 एक ही थाने सिराजगंज के इनायतपुर में मारे गए. करीब 300 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं.
Bangla Spring: Nearly 1,000 comrades murdered, yet Bangladeshi youth rise again, defy the terrors of dictator #SheikhHasina and are making a history!
These powerful videos bring tears to my eyes. I wish I were there in person to witness it! #Bangladesh #Democracy pic.twitter.com/m65NA4tgrO
— Sultan Mohammed Zakaria (@smzakaria) August 5, 2024
बांग्लादेश में इस मुद्दे पर कई बार हिंसा भड़क चुकी है. दरअसल, प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त किया जाए. पहले जब हिंसा भड़की थी तब कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा दिया था. लेकिन हिंसा नहीं थमी और अब प्रदर्शनकारी शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं. अब तक 11,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अधिकारियों ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशनों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और उनके नेताओं के आवासों पर हमला किया और कई वाहनों को जला दिया. सरकार ने मेटा प्लेटफॉर्म फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश दिया.
इस बीच प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर देश भर में “तोड़फोड़” करने वाले लोग छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और लोगों से उन्हें सख्ती से दबाने के लिए कहा. उन्होंने कहा, ‘मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि इन आतंकवादियों को सख्ती से कुचलें.’ पीएम ने रक्षा अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक भी की है. वहीं, हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिन की सामान्य छुट्टी की घोषणा की है.
प्रदर्शनकारियों ने टैक्स और बिल भुगतान न करने की अपील की है और साथ ही रविवार को काम पर न जाने की अपील की थी. प्रदर्शनकारियों ने रविवार को खुले कार्यालयों और प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया, जिसमें ढाका के शाहबाग इलाके में एक अस्पताल, बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी भी शामिल है. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि ढाका के उत्तरा इलाके में कुछ कच्चे बम विस्फोट किए गए और गोलियों की आवाज सुनी गई.