ISKCON कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने दावा किया है कि बांग्लादेश के हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण प्रभु का कानूनी मामले में बचाव करने वाले अधिवक्ता रामेन रॉय पर ‘क्रूर हमला’ किया गया है. दास ने दावा किया कि रॉय की एकमात्र गलती यह थी कि वह प्रभु का बचाव कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस्लामवादियों के एक समूह ने उनके घर में तोड़फोड़ की.
रॉय की हालत के बारे में बताते हुए प्रवक्ता ने दावा किया कि हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और फिलहाल ICU में अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
बांग्लादेश में अशांति तब शुरू हुई, जब आध्यात्मिक लीडर चिन्मय कृष्ण को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया, उन पर 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा ध्वज फहराने के आरोप में देशद्रोह का आरोप लगाया गया. गिरफ्तारी के बाद से हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें 27 नवंबर को चटगांव में एक वकील के साथ हुई घातक घटना भी शामिल है.
Please pray for Advocate Ramen Roy. His only 'fault' was defending Chinmoy Krishna Prabhu in court.
Islamists ransacked his home and brutally attacked him, leaving him in the ICU, fighting for his life.#SaveBangladeshiHindus #FreeChinmoyKrishnaPrabhu pic.twitter.com/uudpC10bpN
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) December 2, 2024
चिन्मय कृष्ण दास पर बवाल क्यों?
पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बवाल जारी है. राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए चिन्मय प्रभु को लेकर इस्कॉन ने बयान जारी कर उन रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि चिन्मय प्रभु का इस्कॉन संगठन से कोई संबंध नहीं है.
संगठन ने बयान जारी कर कहा कि इस्कॉन चिन्मय कृष्ण दास के अधिकारों का समर्थन करता है और उन्होंने हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों की रक्षा के लिए चिन्मय के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों से दूरी नहीं बनाई है.
बयान में कहा गया कि हम अन्य सभी सनातनी समूहों के साथ मिलकर हिंदुओं की सुरक्षा का समर्थन करते हैं और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को शांतिपूर्ण ढंग से रहने का माहौल फिर से तैयार करने का आह्वान करते हैं.