पड़ोसी देश बांग्लादेश में बीते कुछ हफ्तों में घटनाक्रम तेजी से बदले हैं. तख्तापलट के बाद इस्तीफा दे चुकीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं. बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. लेकिन इस बीच कई पार्टियों ने अंतरिम सरकार से आग्रह किया है कि 15 अगस्त को अब राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर नहीं मनाया जाए.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी सहित कई राजनीतिक दलों ने बांग्लादेश सरकार के नए मुखिया मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की. इस दौरान देश में निष्पक्ष चुनाव कराए से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की गई.
बीएनपी, जमात, अमर बांग्लादेश पार्टी सहित गन अधिकार परिषद, बांग्लादेश जातीय पार्टी और नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट जैसी पार्टियों ने मुहम्मद यूनुस के साथ अलग-अलग बैठकें की. इस दौरान इन पार्टियों ने अंतरिम सरकार से आग्रह किया कि अब 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर नहीं मनाया जाना चाहिए.
इस बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि सभी पार्टियों का मानना था कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर मनाना अब बंद कर देना चाहिए. साथ ही इस दिन अब सार्वजनिक अवकाश की भी जरूरत नहीं है. हालांकि, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
इस बैठक में शामिल AB पार्टी के संयोजक सोलेमन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय शोक दिवस स्वतंत्रता की घोषणा की भावना के विरुद्ध है. पार्टी के सदस्य असदज्जुमन फौद ने कहा कि अमेरिका के संस्थापक अब्राहम लिंकन और ब्रिटेन के विंस्टन चर्चिल की याद में इन देशों में सार्वजनिक अवकाश नहीं होता. इसी तरह 15 अगस्त को बांग्लादेश में भी सार्वजनिक अवकाश की जरूरत नहीं है. हम जानते हैं कि अवामी लीग ने अगस्त के महीने को हमारे लिए शोक के महीने के तौर पर तब्दील करने की कोशिश की है लेकिन हमने मुल्क को आजाद करा लिया है. अब इस दिन सार्वजनिक अवकाश खत्म करने की जरूरत है.
इस बैठक में आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि हमने देश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए इस अंतरिम सरकार को उचित समय दिया है. हालांकि, इस दौरान चुनाव पर कोई चर्चा नहीं हुई कि चुनाव कब कराए जाने चाहिए.
बीएनपी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने सरकार के मुख्य सलाहकार से आग्रह किया है कि उनकी पार्टी की चेयरपर्सन खालिदा जिया और कार्यकारी चेयरमैन तारीक रहमान के खिलाफ दर्ज सभी केस वापस लिए जाएं.
बांग्लादेश में 15 अगस्त को हर साल राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इसकी वजह है कि 1975 में इसी दिन शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की उनके परिवार के साथ हत्या कर दी गई थी. वह बांग्लादेश के संस्थापक थे. 15 अगस्त 1975 को सेना के अधिकारियों ने उनके घर को चारों तरफ से घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी थी. तब से बांग्लादेश में 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाता है.