बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने संकट के समाधान और हिंदुओं की सुरक्षा पर चर्चा के लिए हिंदू समुदाय के युवाओं और छात्रों को एक बैठक के लिए बुलाया है. पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक अब हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को अत्याचारों से बचाने के लिए अल्पसंख्यक संरक्षण कानून की मांग कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार हिंदू छात्र अल्पसंख्यक अधिकार आंदोलन समूह यूनुस सरकार के सामने 8 सूत्रीय मांगें रखेगा. इनमें हिंदुओं पर हमलों के मामले में त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल की स्थापना करने और तत्काल अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने की मांग शामिल है.
हिंदू छात्रों का समूह यूनुस सरकार से हिंदू धार्मिक कल्याण ट्रस्ट को फाउंडेशन में अपग्रेड करने, पाली शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण करने, शारदीय दुर्गा पूजा के दौरान 5 दिनों की छुट्टी घोषित करने और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की स्थापना करने की मांग करेगा. यह बैठक आज दोपहर को होगी.
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को हिंसा प्रभावित अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा की. उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को जघन्य बताया और सभी युवाओं से हिंदू, ईसाई, बौद्ध परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, रंगपुर शहर में बेगम रुकैया विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए यूनुस ने कहा, ‘आपके प्रयासों को बर्बाद करने के लिए कई लोग खड़े हैं. इस बार असफल मत होइए.’ उन्होंने सभी छात्रों से अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों को नुकसान से बचाने का आग्रह किया.
बांग्लादेश के दो हिंदू संगठनों- बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद के अनुसार, 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 53 जिलों में हमलों की कम-से-कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा. साथ ही हिंसा से बचने के लिए हजारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत आने की कोशिश कर रहे हैं.