रायपुर। महाराष्ट्र और रायपुर एटीएस को बांग्लादेशी तीनों भाइयों से पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है। टीम ने 11 फरवरी को मोहम्मद इस्माइल (27), शेख अकबर (23) और शेख साजन (22) को मुंबई एयरपोर्ट से पकड़ा था। वे इराक भागने की तैयारी में थे।
तीनों रायपुर के टिकरापारा के मिश्रा बाड़ा ताजनगर में रहते थे। आरोपितों ने च्वाइस सेंटर से दूसरे की मार्कशीट को स्कैन कर फर्जी मार्कशीट बनवाई। यूसीसी लागू होने के बाद उन्हें पकड़े जाने का डर बना हुआ था।
पुलिस और एटीएस को बांग्लादेशी घुसपैठियों के रायपुर के अलावा भिलाई, दुर्ग और बिलासपुर में होने की जानकारी मिली है। जांच टीम द्वारा गुप्त रूप से अभियान चलाया जा रहा है। आइबी की टीम ने भी आरोपितों के बारे में जानकारी जुटाई है। तीनों की गुरुवार को रिमांड खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया जाएगा।
फर्जी दस्तावेज बनाने वाले फरार
निजी कंप्यूटर केंद्र के संचालक मो. आरिफ व शेख अली ने की मदद से तीन आरोपितों ने फर्जी मार्कशीट से पेन कार्ड, वोटर आईडी भी बनवाए हैं। तीनों के पकड़े जाने के बाद से दोनों फरार हैं। वहीं, पुलिस उनकी पतासाजी में लगी है। आशंका है कि आरोपितों ने कइयों के इसी तरह से फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं।
बंगाली में कर रहे बात
रिमांड पर लिए गए तीनों भाई सवालों से बचने सवालों के जवाब बंगाली भाषा में जानकारी दे रहे थे। इसके चलते पुलिस ने पूछताछ करने बंगाली जानने वालों की मदद ली है। पूछताछ में महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में अपने स्वजन के होने की जानकारी पुलिस को दी है।
2017 में नागपुर से आए थे तीनों
2017 में नागपुर में बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। वहां जांच शुरू हुई। तब बहुत से लोग वहां से भाग गए। उसी समय नागपुर से शेख अली अपने परिवार के साथ यहां आया। और वह टिकरापारा इलाके में किराये के मकान में रहता है।
बंगाल के एजेंट के माध्यम से आया पैसा
बंगाल के एजेंट जहांगीर आलम से पूछताछ के लिए जल्द की पुलिस व एटीएस की टीम जाएगी। जहांगीर के खाते से तीनों को पैसा आया है। जहांगीर के पास बांग्लादेश से पैसा आया था। पुलिस उसकी भूमिका की जांच कर रही है। मुंबई के एजेंट से भी पूछताछ चल रही है, जिसने एयर टिकट कराया है।
संस्थाओं से मांगी गई जानकारी
पुलिस ने चुनाव आयोग, पासपोर्ट दफ्तर और छत्तीसगढ़ परीक्षा बोर्ड से जानकारी मांगी है। आखिर तीनों दस्तावेज कैसे बने।
परेड पहचान के दौरान कई संदिग्ध गायब
तीनों के मुंबई में पकड़े जाने के बाद पुलिस ने 30 जनवरी को बाहर से आकर यहां रह रहे लोगों की पहचान परेड कराई थी। डेढ़ सौ के करीब दूसरे प्रदेश के संदिग्ध मिले थे। संदिग्धों में 70 प्रतिशत के करीब पश्चिम बंगाल, मुर्शिदाबाद के रहने वाले लोग थे। पुलिस ने जिन 150 के करीब संदिग्धों को ट्रेस किया है। उनमें से कई संदिग्ध गायब हो गए हैं।