लखीमपुर खीरी में हड़ताल पर रहे बैंककर्मी, निजीकरण के खिलाफ किया प्रदर्शन

लखीमपुर खीरी : देश के नौ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को 17 सूत्रीय मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में लखीमपुर खीरी के बैंकों में भी एक दिवसीय हड़ताल रही.

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हड़ताल के दौरान इंडियन बैंक (इलाहाबाद बैंक) के जोनल ऑफिस के बाहर बैंककर्मियों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। मजदूर विरोधी, कारपोरेट समर्थक रवैये का विरोध करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.बैंकर अनुराग पांडे ने कहा कि उनकी मांगों में नए श्रम संहिताओं की वापसी सबसे अहम है.उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जन व श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में यह राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल की गई है। सरकार ने सभी को बंधुआ मजदूर बनाने की योजना बना ली है, जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार को अपने फैसले वापस लेने होंगे.

 

 

अतुल मेहरोत्रा ने कहा कि सरकार को बैंकों का निजीकरण रोकना होगा, पर्याप्त भर्तियां सुनिश्चित करें, आउटसोर्सिंग भर्ती बंद की जाए, कॉरपोरेट के बकाया ऋणों की तत्काल वसूली हो, ग्राहकों के लिए बैंकों में सेवा शुल्क कम किया जाए.यूनाइटेड फोरम के अध्यक्ष प्रमोद शर्मा ने सरकार से मांग की है कि प्रतिगामी श्रम संहिताओं को लागू न किया जाए.

 

ओपीएस बहाल करें, ट्रेड यूनियन अधिकारों में हस्तक्षेप बंद हो, बैंक कर्मियों की लंबित मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाए। प्रदर्शन में केनरा बैंक के शाश्वत, इंडियन बैंक के शैलेंद्र कश्यप , संजीव सिंह, मोनिका सिंह, राममोहन, निहारिका सिंह, सपना स्वराज, प्रीती कुमारी, शक्ति सिंह, रिम्पू सिंह ,जुल्मी पांडा, रोहित वर्मा , आशुतोष अवस्थी आदि

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