बारा: जिले की ग्राम पंचायत अमलावदा आली व मोखमपुरा के ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत अमलावदा आली के प्रशासक दीलीप कुमार के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने अनियमित ब्लास्टिंग के कारण क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा और इलाके को सुखाग्रस्त होने से बचाने के लिए टनल के मुहाने पर मलबा डालकर टनल का पानी किसानों के लिए रोकने की मांग की है.
ज्ञापन में दिलीप कुमार ने बताया कि बारां जिले में निर्माणाधीन अकावद वृहद सिंचाई परियोजना की दायीं मुख्य नहर, जो अकावद डेम से ग्राम गुंदलाई तक लगभग 9 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड टनल के रूप में बनाई गई है. उसका निर्माण कार्य 2 वर्ष पूर्व पूरा हो चुका है. ग्राम गुंदलाई में टनल का ओपन पाइंट है. ओपन पाईंट स्थित है. इस पॉइंट से आगे करीब 3 किमी तक सतह पर हार्ड मौजूद है, जिसकी खुदाई के लिए कंपनी द्वारा भारी ब्लास्टिंग की जा रही है.
जिस स्थान पर नहर का निर्माण कार्य चल रहा है वह स्थान ग्राम गुंदलाई के मकानों के मध्य से मात्र 200 मीटर किसी जगह 100 मीटर की दूरी पर स्थित है. पूरा गांव नहर के निर्माण स्थल के पास है, जिस कारण ब्लास्टिंग से गांव के मकानों में दरारें आ चुकी है. कुछ मकानों में इतनी दरारें आ चुकी है कि कभी भी मकान गिरने से जान माल का नुकसान हो सकता है.
ब्लास्टिंग से पत्थर मकानों में आ जाते हैं. दिन में रोजाना कई बार ब्लास्टिंग कंपनी द्वारा की जाती है. गांव के लोग दिनभर सदमें में रहते हैं. ब्लास्टिंग के समय स्वयं अपने मवेशियों को घर से दूर ले जाकर जान माल की सुरक्षा करते हैं. ग्रामीण खेती किसानी पर निर्भर है, लेकिन ब्लास्टिंग के चलते अपनी खेती को नहीं संभाल पा रहे हैं. जिससे गांव वालों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दायीं मुख्य नहर की टनल 3 साल पहले ही तैयार की जा चुकी है जो गहराई में 120 फीट जमीन में अंडर ग्राउंड है, जो 30 फीट उंची है. पूरी टनल हार्ड स्टोन में खुदी हुई है. टनल का नदी की तरफ का प्लाइंट नदी में ओपन है, जिससे ग्राम मोखमपुरा, माधोपुर, लक्ष्मीपुरा, सारंगखेड़ा, गडारी, जोधपुरिया, चारपुरा, गुंदलाई, गुजरखेडी टूंडपुरा, कल्याणपुरा, अमलावदा आली, बेवडी, नीमथूर गांवों का जो अंडरग्राउंड रिजर्व पानी है वह 120 फीट गहराई तक का जमीन का रिजर्व पानी टन के माध्य से नदी में पिछले तीन साल से निकल रहा हैं.
उक्त गांवों में बारिश के बाद ही पानी की कमी आ जाती है और फसलों को पानी भी नहीं मिल पाता। पूरे गांव सुखे की स्थिति में आ जाते हैं. जब की टनल खुदाई से पूर्व इन गांवों में पर्याप्त मात्रा में पानी रहता था। जिससे किसान टयूबवैलों के माध्यम से सिंचाई कर अपना जीवन यापन करते थे. टन की खुदाई के बाद उक्त गांवों की जमीन पिछले 2-3 साल से सुखाग्रस्त है. ग्रामीणों ने मांग की है कि ग्राम गुंदलाई में नहर खुदाई हेतु की जा रही ब्लास्टिंग से जिन मकानों में नुकसान हुआ उनका सर्वे करवाकर शीघ्र नकसान अनुसार प्रशासन द्वारा मुआवजा मकान मालिकों को दिया जाए और आगे जो ब्लास्टिंग की जावे वह ऐसी तकनीक से की जाए की मकानों पर उसका प्रभाव न पड़े.
ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि टनल से निकल रहे पानी को मलबा डालकर रोका जाए. ताकि क्षेत्र सूखाग्रस्त न हो. साथ ही ब्लास्टिंग से क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा देने और भविष्य में सुरक्षित ब्लास्टिंग की मांग की गई. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि मांगों नहीं माना गया तो आन्दोलन कर नाहर निर्माण कार्य रोकना पड़ेगा.