बारां: जिला अस्पताल में राजमेस व सेवारत चिकित्सकों के बीच चल रहा विवाद अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है. मेडिकल कॉलेज में पदनामित चिकित्सकों ने अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं होने सहित कई समस्याओं को लेकर सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. गुरुवार को बारां मेडिकल कॉलेज में पदनामित सभी 29 चिकित्सकों ने प्रिंसिपल को अपना त्यागपत्र सौंपा.
सेवारत चिकित्सक संघ के जिलाध्यक्ष देवी शंकर नागर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए जिला अस्पताल से चिकित्सकों को पदनामित कर वहां कार्यरत किया गया था. लेकिन लंबे समय से उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. केवल पदनामित कर खानापूर्ति की जा रही है, जबकि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) ने गाइडलाइन जारी कर रखी है कि चिकित्सकों को नियमानुसार प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के स्थाई पदों पर नियुक्त किया जाए.
चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि हाल ही में राजमेस के माध्यम से नियुक्त हुए डॉक्टर, जिनके पास क्लिनिकल अनुभव तक नहीं है, उन्हें विभागाध्यक्ष (HOD) बना दिया गया है. वहीं राजमेस के प्रोफेसर व अन्य पदों पर लगे चिकित्सक जिला अस्पताल में ड्यूटी भी नहीं कर रहे हैं. ऐसे में मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद बारां जिले के मरीजों को अपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.
सेवारत चिकित्सकों के सामूहिक इस्तीफे से मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर संकट खड़ा हो सकता है. आगामी दिनों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में कॉलेज प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. अगर स्थिति जल्द नहीं सुलझी तो मेडिकल शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ सकता है.