बारां: बाढ़ में फंसी प्रसूता को पुलिस और प्रशासन ने बचाया, आधी रात ट्रेन रुकवाकर पहुंचाया अस्पताल

बारां: जिले में भारी वर्षा की स्थिति के मद्देनजर जिला प्रशासन एक-एक व्यक्ति की सुरक्षा को लेकर कितना मुस्तैद है इसका प्रमाण छबड़ा की रहने वाली राधा की जान को बचाकर प्रशासन ने सिद्ध किया कि गंभीर हालातों में सही रणनीति और कार्यकुशलता के साथ टीम वर्क कितना महत्वपूर्ण है.
दरअसल मंगलवार की रात करीब आठ बजे छबड़ा के उप जिला चिकित्सालय में 26 वर्षीया राधा नामक महिला के दूसरी संतान हुई. सामान्य प्रसव के बाद अचानक रक्त स्त्राव तेज होने पर करीब दो घंटे तक स्थानीय चिकित्सालय की टीम ने राधा का इलाज जारी रखा लेकिन हालत अधिक नाजुक होने पर अस्पताल प्रशासन ने महिला को बारां चिकित्सालय से चार यूनिट ब्लड की मांग की गई.  इसकी सूचना एसडीएम छबड़ा रामसिंह गुर्जर ने जिला कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर को दी गई, क्योंकि छबड़ा और कवाई के बीच बहने वाली अंधेरी नदी अपने पूरे उफान पर थी.  इस कारण से छबड़ा और कवाई का सम्पर्क टूट चुका था.

रात्रि करीब साढ़े 10 बजे जिला कलक्टर ने तुरन्त सीएमएचओ डॉ. संजीव सक्सेना को महिला की जान बचाने के लिए अत्यावश्यक उपाय करने एवं एसडीएम छबड़ा को महिला की जान बचाने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.  इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने सीएमएचओ से सम्पर्क कर सर्वप्रथम चार यूनिट ब्लड को कवाई से छबड़ा लाने के पूर्ण प्रयास किए लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण टीम को सफलता नहीं मिल पाई.

इसके बाद प्रशासन ने त्वरित निर्णय लिया कि भोपाल से जोधपुर जाने वाली ट्रेन को अतिरिक्त समय के लिए रुकवाकर तुरंत महिला को बारां स्टेशन के लिए भेजा जाए.इसके लिए एसपी अभिषेक अंडासु के निर्देश पर छबड़ा अस्पताल से स्टेशन तक ग्रीन कॉरिडोर बनवाकर पुलिस एवं प्रशासन ने महिला एवं उसके परिजनों के साथ मेडिकल टीम को ट्रेन के माध्यम से रवाना किया. ट्रेन करीब सवा दो बजे बारां पहुंची जहां रास्ते में कवाई स्टेशन पर भी मेडिकल टीम को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखा गया था.

बारां में सीएमएचओ के निर्देशन में दो एम्बुलेंस तैयार करवाई गई. जिससे रात्रि करीब ढ़ाई बजे प्रसूता को बारां के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर तुरंत करीब तीन यूनिट रक्त चढ़ाकर इलाज प्रारंभ किया गया. प्रसूता की स्थिति अब सामान्य बनी हुई है. जहां पर चिकित्सकों की टीम की निगरानी उपचार जारी है.

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