बरेली: हाल के दिनों में आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सहायिकाओं की संविदा के तहत हुई नियुक्ति प्रक्रिया पर भी प्रश्नचिंह लगने लगे हैं, मीरगंज विकास खंड के एक गांव की महिला ने जिलाधिकारी, सीडीओ और केंद्रीय मंत्री बाल विकास एवं पुष्टाहार व मुख्यमंत्री को भेजे गये शिकायती प्रार्थना पत्र में आरोप लगाते हुए कहा है कि, चयन बोर्ड ने नियुक्ति हेतु जारी हुए शासनादेश को दरकिनार करते हुए एक अन्य महिला की नियुक्ति कर दी, जोकि संबैधानिक रूप से अयोग्ह है, पीड़ित महिला ने संबंधित जिम्मेदारों से चयनित महिला की जांच उपरांत नियुक्ति निरस्त कर वरियता क्रम में उसका चयन किए जाने की मांग की है.
विकास खंड मीरगंज के गांव पहुंचा खुर्द की रहने वाली महिला अंशु पत्नी सुरेंद्र प्रताप का कहना है कि उसने अपनी ग्राम पंचायत पहुंचा खुर्द में रिक्त चल रहे आंगनबाड़ी कार्यकत्री पद हेतु विगत 05 अप्रैल 2024 को समस्त शैक्षिक एवं अन्य प्रमाण पत्र साक्ष्यों के साथ ऑनलाइन आवेदन किया था, प्रार्थिनी गेजुएट पास होने के साथ ही जाति कुर्मी (पिछड़ी जाति) के अंतर्गत है, और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिला होने के साथ ही अंत्योदय राशन कार्ड धारक भी है, जिसकी अन्त्योदय राशन कार्ड संख्या 215021035012 है.
महिला अंशु का आरोप है कि, गांव पहुंचा खुर्द में आंगनबाड़ी पद पर जिस महिला चन्द्रकांता पत्नी राधेश्याम जाति किसान का चयन किया गया है, उसका परिवार आर्थिक रूप से धनाढय है। और चंद्रकांता वर्तमान में ग्राम पंचायत पहुचा खुर्द से बार्ड नंबर 07 से वर्तमान में निर्विरोध ग्राम पंचायत सदस्य निर्वाचित है, जिसने तथ्यों को छुपाते हुए आवेदन किया। जिसका आंगनबाड़ी के पद पर किया गया चयन शासनादेश संख्या 19/2023/3975/58-1-2022-2/1(22)10टी0सी0 में बर्णित विंदु संख्या 13 के अन्तर्गत निराधार एवं गलत है। जोकि जांच उपरांत निरस्त किए जाने योग्य है.
उसका कहना है कि शांसासनादेश देश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि वर्तमान में कार्यरत कोई आंगनबाड़ी कार्यकत्री व मिनी कार्यकत्री केंद्र की कार्यकत्री एवं सहायिका द्वारा ग्राम सभा सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका सदस्य एवं सभासद, पार्षद तथा महापौर आदि पद पर निर्वाचित हो जाती है, तो उसकी मानदेय आधारित संविदा सेवा निर्वाचित घोषित होने के बाद तथा शपथ लेने की तिथि से स्वतः समाप्त समझी जायेगी। इसके लिए अलग से नोटिस दिए जाने की बाध्यता/आवश्यकता नहीं होगी। तो इस नियम से भी चंद्रकांता की आंगनबाड़ी पद पर की गयी नियुक्ति भी निरस्त करने योग्य है। क्योंकि उपरोक्त शासनादेश में वर्णित प्रावधान जब पहले से कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सहायिका पर लागू हाता है तो फिर नवीन चयन पर क्यों नहीं, ऐसी स्थिति में नियुक्ति करने वाली टीम के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया, और नियुक्ति पाने वाली चंद्रकांता पत्नी राधेश्याम के द्वारा आवेदन से लेकर नियुक्ति पाने तक तथ्यों को छुपाकर नियुक्ति हांसिल की गई है। जिसे निरस्त कर उसके प्रार्थना पत्र पर चयन पैनल विचार करते हुए उसे वरियता क्रम में नियुक्ति प्रदान करे.