बरेली: मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जो बात कही है वो बात सबको सुनना चाहिए और उसको सबको अमल करना चाहिए इससे पहले भी उन्होंने कहा था आज फिर उन्होंने अपनी बात को बड़ी प्रमुखता से दोहराया है कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर तलाश न किया जाए और उसके आगे उन्होंने यह भी कहा इस तरह की सरगर्मियां करके हिंदुओं के बड़े नेता यानी हिंदूवादी नेता बनना चाहते हैं इसका ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने स्वागत किया है.
वहीं मौलाना ने कहा कि, देश में 2-4 लोग ऐसे आसामाजिक तत्व है जो देश मे घूम-घूम कर हर मस्जिद के नीचे मंदिर तलाश कर रहे है और उन तत्वों को इतिहास का जामा पहनाकर कोर्ट कचहरी में मुकदमा दायर किये जा रहे है, खुदा भला करे सुप्रीम कोर्ट का की उसने इस पर रोक लगा दी है, देश के हर शहर और गांव देहात मे हिंदुत्वादी नेता बनने की होड़ सी लगी हुई है. ऐसे लोगों को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि, इस तरह की गतिविधियों से देश की एकता और अखंडता को नुक्सान पहुचता है और हिंदू मुस्लिम भाईचारे के सम्मान को ठेस पहुंचती है संघ प्रमुख ने इस पर भी अपना नज़रिया स्पष्ट किया है कि, हर शहर, हर गांव में नेता बनने के लिए हिंदूवादी छवि न अपनायें.
भारत के उभरते हुए हिंदुत्वादी चेहरे से नुकसान पहुंच रहा
मौलाना ने कहा कि, संघ प्रमुख ने मुसलमानो की बेचैनी और तकलीफ़ और मुसलमानो के खिलाफ चलायी जाने वाली मुहीम को भाप लिया है और उनको इस बात का भी एहसास हो गया है कि, बाहर की दुनिया मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनायी गयी. भारत की छवि धूमिल हो रही है और भारत के उभरते हुए हिंदुत्वादी चेहरे से नुकसान पहुंच रहा है. मौलाना ने आगे कहा कि, भारत के हिंदू भाइयों को और खास तौर पर विष्णू शकंर जैन हरी शंकर जैन और राखी सिंह को गौर से इस बयान को सुनना चाहिए और उस पर अमल भी करना चाहिए, मुसलमान आशा करता है कि, अब मस्जिद मंदिर का विवाद खत्म हो जायेगा और सभी लोग मिलकर देश की तरक्की के लिए काम करेंगे.