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बरेली: पुलिस ने साइबर अपराधियों से बचाई डॉक्टर की जान, जानें पूरा मामला

बरेली: साइबर अपराधियों की नई चाल डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए डॉक्टर नजबुल हसन को थाना बारादरी पुलिस की सूझबूझ और तुरंत कार्रवाई से सुरक्षित बचा लिया गया. इस अद्भुत ऑपरेशन ने ना केवल डॉक्टर की जिंदगी बचाई बल्कि उनके बैंक खातों में जमा पचास लाख भी सुरक्षित रखें रहे.

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शनिवार को डॉक्टर नजबुल हसन जो सूफी टोला के एक डिस्पेंसरी संचालित करते हैं अचानक घर से गायब हो गए उनके भतीजे इमरान खान ने पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक को इस घटना की सूचना दी डॉक्टर के फोन ना उठाने और संदिग्ध परिस्थितियों के चलते पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की.

पुलिस की जांच के दौरान पता चला कि डॉक्टर को एक फोन कॉल के जरिए बताया गया था कि उनका आधार कार्ड हवाला कारोबार में इस्तेमाल हो रहा है. आरोपीयो ने उन्होंने धमकाया था कि अगर वह इस मामले से बचना चाहते हैं तो तुरंत बैंक दस्तावेज लेकर किसी होटल में शिफ्ट हो जाए और किसी को इसकी जानकारी ना दें। पुलिस ने डॉक्टर के फोन की लोकेशन ट्रेस की जो पीलीभीत बाईपास रोड स्थित एक होटल में दिखी. इस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि डॉक्टर होटल के कमरा बुक कर रखा है और अंदर से दरवाजा बंद था. जब दरवाजा खोलने की कोशिश की गई तो अंदर से साइबर अपराधी द्वारा निर्देश दिए जा रहे थे कि किसी से बात ना करें पुलिस ने सूझबूझ से काम लेते हुए आग लगने की झूठी सूचना फैलाकर होटल में कमरे का दरवाजा खुलवाया.

डॉक्टर ने बताया कि, साइबर अपराधियों के कहे अनुसार अपने बैंक खाते की जानकारी साझा कर चुके थे और अब आईएफएससी कोड व डिजिटल कोड बताने वाले थे लेकिन पुलिस ने समय रहते उनकी योजना को विफल कर दिया.

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