बरेली: प्रधान पुत्र पर दलित से शौचालय अनुदान के नाम पर 2000 रुपये वसूलने का आरोप, सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत 

बरेली: मीरगंज विकास खंड के एक गांव के प्रधान पुत्र द्वारा एक दलित व्यक्ति से दो हजार रूपये लेकर भी शौचालय अनुदान न दिलाये जाने एवं विकास खंड के जिम्मेदारों के द्वारा आईजीआरएस पोर्टल पर की गयी. शिकायत का निस्तारण बगैर पीड़ित के विश्वास में लेकर और विंदुवार निस्तारण किए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में पीड़ित ने फिर से पीड़ित ने सीएम के आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी है.

मामला जनपद बरेली के मीरगंज विकास खंड मीरगंज के गांव गूला से संबंधित है. गांव गूला निवासी दलित राम वहादुर पुत्र सेवा राम का कहना है कि वह अन्त्योदय राशन कार्ड धारक एवं मनरेगा जॉब कार्ड धारक और गरीब व्यक्ति है. उसका कहना है कि उसके घर में शौचालय नहीं है और उसने शौचालय अनुदान पाने हेतु विकास खंड के काफी चक्कर लगाये. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका. उसने बताया है कि शौचालय बनवाये जाने हेतु सरकारी अनुदान दिलाये जाने को कई बार ग्राम प्रधान छेदालाल व उसके पुत्र रविंद्र से कहा था और ब्लाक कार्यालय में भी कई चक्कर लगाये, मगर शौचालय नहीं बन सका.

शिकायत कर्ता राम वहादुर ने आरोप लगाया है कि इसके बाद प्रधान पुत्र रविंद्र ने प्रार्थी से शौचालय अनुदान दिलाये जाने के नाम पर 2000/-रूपये देने को कहा. प्रार्थी ने प्रधान पुत्र रविंद्र को शौचालय की सुविधा दिलाये जाने के नाम पर मांगे गये दो हजार रूपये भी दे दिये. उसके बाद भी शौचालय की सुविधा मुहैया नहीं हो सका. इस संदर्भ में प्रार्थी ने विगत 24 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी थी. जिसकी संख्या 40015025014785 है.

शिकायत कर्ता राम वहादुर का यह भी आरोप है कि शिकायत निस्तारण किए जाने के दौरान प्रार्थी को बगैर सूचित किए विकास खंड मीरगंज के जिम्मेदारों ने प्रधान पुत्र रविंद्र के द्वारा शौचालय के नाम पर ली गई. रकम का कहीं जिक्र ही नहीं किया और केवल शौचालय संबंधित निस्तारण करते हुए लिखा कि आवेदक को शौचालय का लाभ हांसिल करने के लिए ऑन लाइन आवेदन करने को बता दिया गया है. जबकि उसे बताया नहीं गया और इससे पूर्व विगत 09 जुलाई 2024 को एसबीएम फेस-2 के तहत आन लाइन करा चुका है. जिसकी आवेदन संख्या 2357375712 है. जिसे पूर्व में निरस्त कर दिया गया और अब आईजीआरएस के निस्तारण में पात्र दर्शा दिया गया.

इस तरक का प्रधान पुत्र रविंद्र को बचाने के उददेश्य से विकास खंड के जिम्मेदारों ने मिली भगत करके गलत तरीके से निस्तारण कर दिया. जोकि पूरी तरह से साजिश है. पीड़ित ने बताया कि उसने इस मामले में फिर से मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर विंदुवार जांच करने एवं दोषी के खिलाफ कार्यवाही किए जाने के साथ ही शौचालय अनुदान दिलाये जाने हेतु मांग की है.

इस संदर्भ में जब ग्राम प्रधान गूला छेदालाल के दुरभाष पर उनका पक्ष जानने हेतु बात की गई तो फोन उनके पुत्र रविंद्र ने रिसीब किया और उन पर लगे आरोप के संदर्भ में कहा कि उसने किसी से शौचालय अनुदान दिलाये जाने के नाम पर किसी से कोई धन नहीं लिया है. यह सब प्लानिंग के तहत किया जा रहा है. आरोप बिल्कुल असत्य व निराधार है.

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