उत्तर प्रदेश: बलिया के रसड़ा नगर पालिका परिषद के चेयरमैन विनय शंकर जायसवाल और सिद्धपीठ श्रीनाथ बाबा मठ के पीठाधीश्वर महंथ कौशलेंद्र गिरि के बीच शुरू हुआ विवाद अब गंभीर रूप ले चुका है। दोनों के बीच कहासुनी के बाद हुई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे नगर में भारी आक्रोश फैल गया है। घटना को लेकर महंथ कौशलेंद्र गिरि ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें चेयरमैन सहित कई लोगों पर सुनियोजित हमले का आरोप लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार, श्रावण मास की तैयारियों को लेकर श्रीनाथ बाबा मठ में बैठक चल रही थी। उसी दौरान पास के रामलीला मैदान में कुछ लोगों ने धार्मिक नारेबाज़ी की, जिसका महंथ ने विरोध किया। इसी को लेकर कहासुनी हुई और मामला हाथापाई तक जा पहुंचा। वायरल वीडियो में मारपीट के दृश्य साफ देखे जा सकते हैं।
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
महंथ कौशलेंद्र गिरि का आरोप है कि चेयरमैन विनय शंकर जायसवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन्हें घेरकर जानलेवा हमला किया। तहरीर में उन्होंने बताया कि करीब 100 से अधिक लोगों की भीड़ ने चारों ओर से घेर लिया और लात-घूंसे व मुक्कों से हमला किया, जिससे उन्हें पेट और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। महंथ ने जिन लोगों के नाम लिए हैं उनमें चेयरमैन के अलावा संजय जायसवाल, शिव जी बागले, नंद जी जायसवाल, अशोक जायसवाल, मुरसलीन उर्फ जैकी, अली राज, अरविंद उर्फ रोहन, रमेश जायसवाल, राजा सोनी और रमेश गोंड शामिल हैं।
घटना के बाद नगर में भारी रोष व्याप्त है। लोग इसे न केवल धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन, बल्कि लोकतंत्र पर हमला मान रहे हैं। नगरवासियों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। वायरल वीडियो को साक्ष्य मानते हुए दोनों पक्षों से पूछताछ की जा रही है। क्षेत्र में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है।
राजनीतिक दलों की ओर से भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिसमें भाजपा जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने कहा कि कोई कितना भी बड़ा अपराधी या बाहुबली हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सपा के राष्ट्रीय सचिव अवलेश सिंह ने कहा कि योगी राज में एक योगी तक सुरक्षित नहीं है। भाजपा सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। पूरे प्रदेश में अपराधियों को संरक्षण मिला हुआ है।
नगर की गरिमा और धार्मिक मर्यादा को ठेस पहुंचाने वाली इस घटना ने पूरे रसड़ा को झकझोर दिया है। अब सभी की निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं कि क्या वह निष्पक्षता और तत्परता से न्याय दिला पाएगा।