मेरे बारे में आप लोग चिंता मत करना। मैं ज्यादा से ज्यादा और दो या तीन साल जिम्मेदारी को निभा सकता हूं। युवा नेतृत्व पर आप लोग ध्यान देना। ये एनकाउंटर में मारे गए 10 करोड़ रुपए के इनामी नक्सली बसवा राजू का संगठन के नाम अंतिम संदेश था।
बसवा राजू के एनकाउंटर के बाद दक्षिण बस्तर सब जोनल के प्रवक्ता और हार्डकोर नक्सली विकल्प ने एक प्रेस नोट जारी किया। जिसमें बसवा राजू के संगठन के नाम अंतिम संदेश का जिक्र किया है।
वहीं, बसवा राजू के एनकाउंटर के बाद अब नक्सल संगठन का महासचिव पद अब खाली हो गया है। ये तय है कि ये पद आंध्रप्रदेश या फिर तेलंगाना के किसी नक्सली लीडर को दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ से सिर्फ हिड़मा उम्मीदवार है।
बस्तर आईजी पी सुंदरराज की माने तो बसवाराजू के एनकाउंटर के बाद संगठन में कोई नया नेता उभर नहीं पाएगा। बचे हुए नक्सली कमांडरों के पास अब सिर्फ दो विकल्प हैं सरेंडर करें या फिर मारे जाएं।
हमले का पहले से अंदेशा था
पत्र में लिखा है कि अप्रैल और मई के महीने में पुलिस के बड़े अभियानों का नक्सल संगठन को अंदेशा था। इसलिए बसवा राजू को किसी सुरक्षित जगह में शिफ्ट करने का प्लान किया गया था।
21 मई को हुआ था एनकाउंटर
दरअसल 21 मई को दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव के DRG जवानों ने अबूझमाड़ में बसवा राजू समेत 28 नक्सलियों का एनकाउंटर किया था। जवान बसवा राजू समेत 27 नक्सलियों के शव लेकर जिला मुख्यालय लौटे थे, जबकि एक शव नक्सली अपने साथ ले गए। देश में पहली बार इस कैडर के नक्सली का एनकाउंटर किया गया है।
किसे देंगे नक्सली नई जिम्मेदारी
बसवा राजू के एनकाउंटर के बाद नक्सल संगठन का महासचिव पद अब खाली हो गया है। फिलहाल भूपति (60) और थिप्पारी तिरुपति (64) पर नक्सल संगठन विचार कर सकता है। ये दोनों पोलित ब्यूरो सदस्य हैं। नक्सल संगठन में सबसे उम्र दराज भी हैं। नक्सल संगठन इन दोनों में से किसी एक को कमान सौंप सकता है।
बस्तर से सिर्फ माड़वी हिड़मा ही CCM है। अगर बसवा राजू के अंतिम संदेश पर नक्सली विचार करें तो 50 से 55 साल के किसी सेंट्रल कमेटी सदस्य को पोलित ब्यूरो में शामिल कर उसे जिम्मेदारी दी जा सकती है।