छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धर्मांतरण का मामला एक बार फिर से गरमाने लगा है. ईसाई समुदाय के एक शख्स की मौत के बाद शव दफनाने को लेकर गांव में विवाद हो गया है. तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए शव को जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही रखा गया है. गांव वालों का कहना है कि जब तक मृतक के परिजन मूल धर्म में नहीं लौटेंगे, तब तक शव दफनाने के लिए गांव में जमीन नहीं दी जाएगी.
मामला कोड़ेनार थाना क्षेत्र के छिंदबहार गांव का है. इस गांव के रहने वाले युवक ईश्वर की 2 दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ी थी. परिजन उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. फिर परिजन शव लेकर गांव जा रहे थे. इस बीच उन्हें खबर मिली कि गांव में शव दफनाने नहीं दिया जाएगा. अभी विवाद चल रहा है.
इसके बाद परिजन शव लेकर फिर से मेडिकल कॉलेज अस्पताल आ गए. यहां मर्चुरी में शव रखा गया है. वहीं गांव में विवाद और तनाव की स्थिति देखते हुए पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गई है. गांव में ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है. विवाद को शांत करवाने की भी कोशिश की जा रही है, लेकिन गांव वालों की सिर्फ एक ही मांग है कि मृतक ईश्वर का परिवार पहले अपने मूल धर्म में लौटे, तभी शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
शव दफनाने को लेकर ये बस्तर का कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. कुछ गांव में पुलिस की मौजूदगी और दोनों पक्षों के बीच समझौते के बाद शव दफनाने दिया गया है, तो कहीं विवाद इस कदर बढ़ा कि गांव को पुलिस छावनी में तब्दील करना पड़ा. विधानसभा चुनाव में भी बस्तर में धर्मांतरण का मामला काफी गरमाया हुआ था, जिसमें भाजपा ने जमकर सियासत की थी.