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बोधघाट परियोजना और कोत्तागुड़ेम किरंदुल रेल लाइन के जबरन सर्वे का आरोप, बस्तरिया राज मोर्चा का प्रदर्शन

बस्तर: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाके बस्तर में प्रस्तावित बोधघाट परियोजना और कोत्तागुडेम रेलमार्ग के सर्वे में गड़बड़ी का आरोप है. मनमानी सर्वे का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को स्वतंत्र पार्टी बस्तरिया राज मोर्चा ने सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन किया. सीएम और राज्यपाल के नाम बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह को ज्ञापन सौंपा गया है.

कई गांव डूब जाएंगे: पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा कि बोधघाट परियोजना को बनाने के लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है. इस परियोजना के चलते सरकार के सर्वे के अनुसार 56 गांव डूब जाएंगे. ये काफी बड़ा मुद्दा विस्थापन, बस्तर की संस्कृति और वातावरण से जुड़ा है. दूसरा मुद्दा कोत्तागुडेम से किरंदुल रेल लाइन दोहरीकरण का है.

बस्तर का दोहन हो रहा: बस्तर राज मोर्चा ने आरोप लगाया कि, बड़ी बड़ी कंपनियों बस्तर आकर खुदाई कर रही है. साथ ही 13 नम्बर खदान को अडानी को देने की योजना है. इन कंपनियों को पानी की आवश्यकता पड़ेगी. जिसके कारण बोधघाट परियोजना लाया जा रहा है. वहीं लौह अयस्क को ले जाने के लिए कोत्तागुडेम रेललाइन का इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्रकार बस्तर का दोहन होगा.

बाहरी लोगों को फायदा: आगे यह भी कहा गया कि, कर्रेगुट्टा के आसपास सर्वे में यूरेनियम मिलने की बात सामने आई थी. प्रधानमंत्री ने एटम बम बनाने की बात कही है. यह बम यूरेनियम से ही बनता है. इस प्रकार बस्तर में आने वाली सभी परियोजना एक दूसरे से जुड़कर बाहरी लोगों को फायदा पहुंचाने की है. इससे पहाड़ खोदे जाएंगे, जंगल उजड़ जाएगा, घर उजड़ जाएगा, बस्तर की जलवायु ही नहीं पूरे बस्तर के लोग प्रभावित होंगे.

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