बस्ती: खाद को लेकर किसानों का उग्र प्रदर्शन, डीएम नहीं मिले तो ट्रैक्टरों से ऑफिस कर दिया जाम!

उत्तर प्रदेश के बस्ती में खाद को लेकर किसानों का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिला, भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष गौरी शंकर चौधरी के नेतृत्व में बुधवार को सैकड़ों किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर ट्रैक्टरों के साथ पहुंचकर विरोध किया और प्रशासन की मिलीभगत से यूरिया की कालाबाजारी करने का आरोप लगाया.

किसान यूनियन ने 13 अगस्त को पूरे प्रदेश में किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन का ऐलान किया था. बस्ती में किसानों के लिए यूरिया, खाद की कमी और कालाबाजारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

खाद की समस्या को लेकर किया प्रदर्शन

प्रशासन का कहना है कि इस बार पिछले साल की तुलना में ज्यादा यूरिया मंगाई गई है. लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जो यूरिया ₹266 में मिलनी चाहिए, वह ₹500 में भी नहीं मिल रही है. जहां समितियों पर एक ट्रक यूरिया आता है, वहां 2000 लोगों की लाइन लग जाती है.

किसानों ने कहा कि जब अधिकारियों ने ढाई गुना ज्यादा यूरिया मंगाने का दावा किया है तो वो कहां गई? यूरिया कोई ऐसी चीज नहीं है कि किसान चार गुना लेकर रख लेगा. किसान के पास धान में डालने के लिए पैसा नहीं है तो वह एडवांस में यूरिया का क्या करेगा?

किसानों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि यह सब जानबूझकर किया जा रहा है और इसमें अधिकारी भी शामिल है. अधिकारियों का भी प्रति बोरी ₹20-25 रुपये हिस्सा आ रहा है. यह पैसा ऊपर तक जा रहा है. लेकिन, कौन ले रहा है, यह हमें नहीं पता. अधिकारी क्षेत्रों में नहीं जा रहे हैं और कागजों में सब ठीक दिखाते हैं.

किसानों ने दावा किया कि उनके पास ऐसे वीडियो भी हैं, जिनमें समितियों से यूरिया को दूसरे जगह ले जाकर दलालों के माध्यम से ₹350-400 में बेचा जा रहा है.

किसानों की दूसरी प्रमुख मांग गन्ना मूल्य बकाया भुगतान की है. किसान नेता गौरी शंकर चौधरी ने कहा कि रुधौली चीनी मिल और गोविंद नगर चीनी मिल पर किसानों का बकाया तुरंत चुकाया जाए. उन्होंने गोविंद नगर चीनी मिल को दोबारा चलाने की भी मांग की और आरोप लगाया कि प्रशासन इस मिल को बेचना चाहता है.

स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ भाकियू ने कुछ राष्ट्रीय मुद्दों को भी उठाया। इनमें जमीन अधिग्रहण, एमएसपी पर कानून, बिजली का निजीकरण और फसलों के लाभकारी मूल्य जैसे मुद्दे शामिल हैं. प्रदेश महामंत्री दीवान चंद्र पटेल ने कहा कि ये राष्ट्रीय मुद्दे हैं जिन पर पूरे देश में आंदोलन चल रहा है. लेकिन, हमारा यहां बैठने का मुख्य उद्देश्य जिले की समस्याओं का समाधान कराना है.

किसान संगठन ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे जिलाधिकारी कार्यालय पर ही डटे रहेंगे. 15 अगस्त का त्यौहार भी यहीं मनाएंगे.

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