गाजीपुर में तबाही से जंग! डीएम-SP ने संभाला मोर्चा, ग्रामीण बोले- ‘राहत अभी दूर है’

 

गाजीपुर :  इन दिनों गंगा के जलस्तर के लगातार बढ़ाव के चलते जन जीवन काफी कष्टमय हो गई है लोग गंगा के पानी में घुसकर अपने घर और गांव तक आने-जाने को मजबूर हैं यहां तक के इस पानी में लोगों को अपनी जान की भी जोखिम उठानी पड़ रही है गाजीपुर के रेवतीपुर ब्लाक के कई गांव जो पानी से पूरी तरह से घिर चुके हैं और उनके आने-जाने के लिए नाव का ही एकमात्र सहारा है जिसको लेकर किसान और ग्रामीण काफी परेशान नजर आ रहे हैं.

 

 

रेवतीपुर गांव में पहुंचने पर किसानों ने बताया कि उनकी सैकड़ो एकड़ की फसल पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है हालांकि यह समस्या उन्हें हर साल झेलना पड़ता है लेकिन इस बार यह समस्या करीब एक महीना पहले आ गई है जिसके वजह से इन लोगों को दिक्कतें आ रही है हालांकि जिला प्रशासन राहत सामग्री भेजने का दावा तो कर रहा है लेकिन ग्रामीणों तक अभी यह पहुंच नहीं पा रही है यहां पर काफी पशुपालक भी रहते हैं जो जिनका स्थान पानी से घिर जाने के कारण अब वह सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए हैं और गांव के खाली स्थान पर भारी संख्या में पशुपालक अपने पशुओं के लिए चार और अन्य सामानों की व्यवस्था कर उनकी सुरक्षा में लगे हुए हैं.

 

 

 

वही रेवतीपुर गांव में बाढ़ पीड़ितों में एक हादसा भी सामने आया जब एक व्यक्ति अपनी बाइक लेकर पानी के रास्ते जा रहा था अचानक से गड्ढा आ जाने के कारण उसकी बाइक गड्ढे में चली गई और वह भी उसमें गिर गया और उसके गिरने की जानकारी होती है स्थानीय लोगों ने उसे किसी तरह से निकाला जिससे उसकी जान बच सकी.

 

 

जनपद के पांच तहसील के करीब 57 गांव पानी से गिर जाने और 20 जो पूरी तरह से पानी से गिर चुके हैं इन गांवों के बारे में जिलाधिकारी को जब जानकारी हुई तो वह खुद रेवतीपुर ब्लाक के उन गांवों तक गांव के माध्यम से पहुंचकर उन लोगों से समस्या जानने का प्रयास किया और पीड़ित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के साथ ही बाल शरणालय और बाढ़ चौकिया को एक्टिव करने का निर्देश दिया.

 

इस दौरान जिला अधिकारी अविनाश कुमार और पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज राजा बाढ़ पीड़ितों के लिए बांटे जाने वाले राहत सामग्री का भी भौतिक सत्यापन किया की जो भी सामग्री वितरित की जाएगी उसकी क्वालिटी क्या है.

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