राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों से मुलाकात की. मुर्मू यहां राष्ट्रपति भवन में राज्य सिविल सेवाओं से नियुक्त आईएएस अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं, जो मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 127वें प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. इसी दौरान राष्ट्रपति ने उन्हें अहम नसीहत दी.
राष्ट्रपति ने इस दौरान आईएएस अधिकारियों केग्रुप से कहा कि वो लोक सेवा की भावना को सामने रखने वाले मूल्यों पर कायम रहते हुए अपने प्राधिकार का इस्तेमाल सहानुभूति और निष्पक्षता के साथ करें. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि समावेशी विकास में उनका योगदान अहम हो सकता है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
राष्ट्रपति ने कहा, अधिकारियों को विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि हाशिये पर पड़े और कमजोर वर्ग के लोग देश को विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में पीछे न छूट जाएं. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, जब गरीब और वंचित लोग विकास और समृद्धि का अनुभव करेंगे, तभी हम विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने के करीब होंगे.
डीजिटल तकनीक की बताई अहमियत
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को डीजिटल तकनीक की अहमियत बताई. उन्होंने कहा, नौकरी करते समय अपने लक्ष्यों को हासिल करने में तकनीक और इनोवेशन आपके लिए बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. डिजिटल उपकरण सेवा मुहैया कराने की स्थिति में सुधार से लेकर डेटा-संचालित निर्णय लेने में सक्षम बनाने तक, कुशल, पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल शासन प्रणाली बनाने में मदद कर सकते हैं. यह जरूरी है कि आप एआई, ई-गवर्नेंस और डिजिटल फीडबैक में इनोवेशन को अपनाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सरकारी योजनाएं अंतिम छोर तक पहुंचें.
राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा को परिभाषित करने वाले मूलभूत मूल्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए. राष्ट्रपति ने आगे कहा, मैं आपसे अपने आचरण में ईमानदारी बनाए रखने, अपने कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जवाबदेही बनाए रखने का आग्रह करती हूं. आपको सहानुभूति और निष्पक्षता के साथ अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए. आपसे उम्मीद की जाती है कि आप उदाहरण पेश करेंगे और उन मूल्यों में निहित रहेंगे जो सार्वजनिक सेवा की भावना को दर्शाते हैं.
राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ और सुरक्षित धरती तोहफे में दें. मुझे विश्वास है कि आप इसे सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेंगे.