कलमा और नमाज न पढ़ने पर पीटा… बेटी का भी बदलवा दिया धर्म, ससुराल में हुई थी छांगुर से मुलाकात; पीड़ित ने सुनाई आपबीती

उत्तर प्रदेश के भदोही के चौरी थाना क्षेत्र के रहने वाले ज्योतिर्मय ने अपने ससुराल वालों पर आरोप लगाया है कि वह जबरदस्ती उन पर इस्लाम धर्म कबूल करने का दबाव बना रहे हैं. दरअसल, साल 2016 में सोशल मीडिया के जरिए उनकी मुलाकात एक युवती से हुई थी. युवती ने उन्हें अपना नाम इशिता बताया और कहा वह कि लखनऊ के मड़ियांव की रहने वाली है. इसके बाद साल 2017 में दोनों ने आपसी सहमति से आर्य समाज मंदिर में हिन्दू रीति रिवाज से शादी कर ली. शादी के बाद एक दिन ज्योतिर्मय ने पत्नी का आधार कार्ड देखा तो पता चला कि युवती इशिता नहीं बल्कि आफरीन जहां है.

Advertisement

ज्योतिर्मय ने बताया कि उन्हें शादी से पहले पत्नी के धर्म के बारे में जानकारी नहीं थी. लेकिन जब शादी हो गई थी और परिवार चल रहा था. फिर बड़ी बिटिया का जन्म हुआ. बच्ची के जन्म के बाद ससुराल वालों का भदोही आना जाना शुरू हो गया. ज्योतिर्मय ने आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने पत्नी के कान भरने शुरू कर दिए और पत्नी से कहा वह मुझे इस्लाम में कन्वर्ट कराएं. पत्नी भी धीरे धीरे उनके प्रभाव में आने लगी और किसी न किसी बहाने से मुझे इस्लाम की खूबियां बताने लगती और कहती कि इस्लाम सबसे ख़ूबसूरत धर्म है. इस्लाम कबूल कर लो.

‘या तो मुसलमान बन जाओ या फिर…’

ज्योतिर्मय ने कहा, “भदोही में अपने घर पर जब भी मैं पूजा करता, हनुमान चालीसा पढ़ता या घंटी बजाता तो ससुराल के लोग अपने कान बंद कर लेते थे. जब मैंने उन लोगों की बात नहीं मानी तो ससुराल पक्ष के लोग मेरी पत्नी और बेटी को मड़ियांव लेकर चले गए. ससुराल वालों ने मुझ पर इस्लाम में कन्वर्ट करने का दबाव बनाया और कहा कि या तो मुसलमान बन जाओ या आफरीन जहां को तालाक दे दो. आफरीन की बहन शीबा ने ये बात कही. फिर मैं लखनऊ गया तो वहां मेरी बेटी की गर्दन पर चाकू रखकर मुझसे कलमा पढ़ाया. साथ ही नमाज भी पढ़वाई और मस्जिद ले गए. इसके बाद में उन्होंने मुझसे रोजा भी रखवाया.

छांगुर ने ब्रेन वॉश करने की कोशिश की

यही नहीं ज्योतिर्मय ने ये भी आरोप लगाया कि उनके साथ लखनऊ में धार्मिक परंपराओं को न निभाने पर उनके साथ मारपीट भी की जाती थी. धार्मिक परंपराओं से जुड़ी व्यवस्था को स्वीकार करने के लिए बेटी को लेकर धमकी दी जाती थी और लालच दिया जाता था. इसके अलावा ज्योतिर्मय ने ये भी कहा कि जनवरी में छांगुर बाबा ने उसका ब्रेन वॉश करने की कोशिश की और कहा कि इस्लाम स्वीकार कर लो जन्नत मिल जाएगी.

छांगुर ने इस्लाम कबूल करने के लिए कहा

आफरीन की बहन शीबा ने इसी साल जनवरी के महीने में मुझे छांगुर बाबा से मिलवाया था. पूरा परिवार बाबा के प्रभाव में था. ससुराल वालों ने मड़ियांव वाले अपने घर में ही छांगुर बाबा से मुलाकात कराई थी. दस मिनट की मुलाकात में छांगुर बाबा ने मुझसे कहा कि इस्लाम स्वीकार कर लो. तुम्हारे लिए जन्नत के दरवाजे खुल जाएंगे. उन्होंने कई उदाहरण दिए कि जो लोग कन्वर्ट हुए हैं वो आज कितने खुशहाल हैं.

इस्लाम कबूल करो या परिवार को भूल जाओ

इस मुलाक़ात के बाद से ससुराल वाले खुलकर बोल रहे हैं कि या तो इस्लाम कबूल कर लो या फिर अपने परिवार को भूल जाओ. पिछले साल मार्च में मेरी दूसरी बेटी का जन्म हुआ. मैंने अपनी दोनों बेटियों को वापस पाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दाखिल किया है और वाराणसी एडीजी से मिलकर ससुराल पक्ष के लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया है मुझे उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा.

Advertisements