Left Banner
Right Banner

अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट, BSF जवानों का जोश हाई… गूंज उठा आसमान

गणतंत्र दिवस की संध्या को वाघा-अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह ने लोगों को फिर से मंत्रमुग्ध कर दिया. बीटिंग रिट्रीट में बीएसएफ के जवान पूरे जोश में दिखे और अपनी परेड से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस बीटिंग रिट्रीट में पहली बार बिगुल की धुन को भी शामिल किया गया है. छह फीट से ऊंचे कद वाले बीएसएफ जवानों ने अपने पैर पटककर ऐसी आवाज पैदा की पूरा आसमान गूंज गया.

पंजाब के अमृतसर जिले में स्थित वाघा-अटारी-बॉर्डर पर इस अवसर पर देशभक्ति, जोश और गर्व का अद्भुत संगम का नजारा देखने को मिला. बीटिंग द रिट्रीट समारोह में बीएसएफ के जवान देशभक्ति से भरे एक्शन दिखाई दिए और वहां उपस्थिति दर्शकों ने भी उनका खूब उत्साह बढ़ाया.

पूरे जोश में दिखे बीएसएफ के जवान

बता दें कि भारत-पाकिस्तान की सीमा पर अटारी वाला हिस्सा भारत में और वाघा वाला हिस्सा पाकिस्तान में स्थित है. इस दौरान बीएसएफ के जवानों को उत्साह देखते बनता है.

इस दौरान बीएसएफ जवानों की परेड, राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत माहौल और जोशीले नारों ने वहां मौजूद दर्शकों में से हर किसी का मन मोह लिया. इस दौरान भारतीय दर्शक ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और जवानों का उत्साह बढ़ाया.

समारोह में शामिल होने आए पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने बीएसएफ जवानों की वीरता की प्रशंसा की. कार्यक्रम में बच्चों, युवाओं और वहां उपस्थिति दर्शकों ने बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया. इससे पहले अटारी वाघा बॉर्डर पर गणतंत्र दिवस का पालन किया गया. इस अवसर पर सैन्य डॉग ने भी हिस्सा लिया.

अटारी-वाघा बॉर्डर पर साल 1959 में बीटिंग रिट्रीट का सबसे पहले आयोजन हुआ था. तब से यह काफी लोकप्रिय हो गया है. बीटिंग रिट्रीट देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ती है.

Advertisements
Advertisement