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20 की उम्र में बना था करोड़पति, खरीदी फेरारी… फिर सबकुछ खत्‍म! दिग्‍गज बिजनेसमैन ने बताई आपबी‍ती

पैसा तो हर कोई कमा लेता है, लेकिन उसे समय के साथ मैनेज करके रखना सभी को नहीं आता. वहीं कुछ ऐसी भी घटनाएं हो जाती हैं, जिस कारण अरबों की दौलत पलभर में साफ हो जाती है. कई ऐसी कहनियां आपने तो सुनी ही होंगी कि पहले किसी के पास अरबों की दौलत थी, लेकिन देखते ही देखते वह शख्‍स कंगाल हो गया. अब इसी से जुड़ी एक स्टोरी शार्क टैंक के जज अनुपम मित्तल ने शेयर की है.

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शार्क टैंक इंडिया के जज और Shaadi.com के संस्थापक, अनुपम मित्तल ने बताया कि कैसे वे 20 की उम्र में ही करोड़पति बन गए, लेकिन उन्होंने सब कुछ खो दिया और उसके बाद सब कुछ नए सिरे से शुरू किया. मित्तल ने ये स्‍टोरी सोशल मीडिया पर शेयर की है. उन्‍होंने इस स्‍टोरी में डॉट कॉम बबल के बारे में बात की, जो साल 2000 के दशक की शुरुआत में फूटा था.

अनुपम मित्तल ने बताया कि डॉट कॉम बुलबुले को ‘वर्ल्ड वाइड वेब’ अपनाने से तेजी से स्टार्टअप इकोसिस्टम की वैल्‍यू बढ़ी. कई स्‍टार्टअप खुले और करोड़ों रुपये की वेल्‍थ तैयार हुई, जिससे कई करोड़पति बने. लेकिन फिर बुलबुला ऐसा टूटा कि इकोसिस्टम को भारी नुकसान हुआ, जिससे कई स्टार्टअप बंद हो गए. कारोबारियों के ऊपर भारी कर्ज हो गया.

उस दौर के अपने अनुभव को याद करते हुए मित्तल ने कहा कि मैं अपने शुरुआती 20 के दशक में ही करोड़पति बन गया था. लेकिन 2000 के दशक के डॉट कॉम बबल में सब कुछ खो दिया. उस समय मैं माइक्रास्‍ट्रेटजी का हिस्‍सा था, जिसकी वैल्‍यूवेशन 40 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका में जीवन एक सपने जैसा लग रहा था. मैंने एक फेरारी भी मंगवाई, लेकिन जितनी जल्‍दी ये आया उतनी ही जल्‍दी यह सब गायब हो गया. डॉट कॉम बबल फटते ही पैसा भी गायब हो गया. वास्‍तव में मैं भारी कर्ज में डूब गया.

उन्‍होंने बताया कि सबकुछ खोने के बाद वे 2003 में भारत वापस आए थे और उनके पास जीतने और हारने की यादें ही थीं. खोने के बाद मेरे अंदर और हिम्‍मत आई और मैंने एक और डॉट कॉम वेंचर-  शादी डॉट कॉम (मकान डॉट कॉम और मौज मोबाइल जैसे अन्य वेंचर के बीच) शुरू करने का फैसला किया. डोमेन की कीमत 25,000 डॉलर थी और हमारे पास सिर्फ 30,000 डॉलर बचे थे. लोगों ने इसकी बहुत आलोचना की और बिजनेस समझ पर भी सवाल उठाया, लेकिन मैंने किसी की नहीं सुनी और सबकुछ दांव पर लगा दिया. मुझे लगा कि ये गेम चेंजर साबित होगा और हुआ भी ऐसा ही.

मित्तल ने कहा कि आलोचना और नकारात्मक लोगों के बावजूद, उन्होंने आगे बढ़ने का साहस पाया और बदले में उन सभी की किस्मत बदल दी. उन्होंने कहा कि यह कभी भी पैसे के बारे में नहीं था, बल्कि यह साबित करने की क्षमता के बारे में था कि वह राख से भी उठ सकते हैं.

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