बीड के मसजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में महाराष्ट्र की सियासत गर्मा गई है. रविवार 5 जनवरी को एनसीपी के प्रवक्ता सूरज चव्हाण ने बीजेपी के विधायक सुरेश धस द्वारा हत्या की जांच को लेकर सूबे के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधने पर आपत्ति जताई. चव्हाण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर सवाल किया कि क्या धस को राज्य के गृह विभाग पर भरोसा नहीं है कि वह हत्या की निष्पक्ष जांच करेगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे हैं. चव्हाण ने कहा कि अगर एनसीपी का कोई भी शख्स सरपंच की हत्या के मामले में संलिप्त पाया जाता है तो उपमुख्यमंत्री अजित पवार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे.
अपहरण कर की गई सरपंच की हत्या
सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के पीछे जबरन वसूली का मामला बताया जा रहा है. बीड जिले में पवन चक्कियां स्थापित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी से दो करोड़ रुपए की वसूली की जा रही थी. इस वसूली का देशमुख ने इविरोध किया था, जिसके बाद 9 दिसंबर को उनका अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मीक कराड को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
‘NCP का कोई शख्स जुड़ा पाया गया तो कार्रवाई होगी’
सरपंच की हत्या की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है. चव्हाण ने कहा कि शनिवार को परभणी में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी विधायक धस ने एनसीपी प्रमुख और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधते हुए पूछा था कि उनके वादे का क्या हुआ. एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि अगर उनकी पार्टी का कोई भी व्यक्ति हत्या मामले से जुड़ा पाया गया तो अजित पवार उसे नहीं छोड़ेंगे और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.
‘पवार को बदनाम किया गया तो हम जवाब देंगे’
एनसीपी नेता ने कहा कि वो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध करते हैं कि वह धस से महायुति गठबंधन के सौहार्दपूर्ण माहौल को खराब न करने के लिए कहें. अगर अजित पवार को बदनाम किया गया तो हम उचित जवाब देंगे. दरअसल देशमुख हत्या मामले को लेकर सूबे में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बीजेपी विधायत धस धनंजय मुंडे पर भी निशाना साध रहे हैं. बीते शनिवार को उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या के मामले में पुणे से गिरफ्तार किए गए 2 लोग सिर्फ ‘मोहरे’ हैं, जबकि ‘मुख्य आरोपी’ खुलेआमघूमरहेहैं.