सर्दियां शुरू हो गई हैं और अब लोग हाथ मुंह धोने और नहाने के लिए गीजर का इस्तेमाल कर रहे हैं . वहीं, इलेक्ट्रिक गीजर के साथ-साथ अब एलपीजी गीजर का भी चलन बढ़ गया है और ऐसे में लगातार गीजर से होने वाले हादसे भी सामने आ रहे हैं, कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां नहाते समय कोई बेहोश हो जाता है और कई ऐसे मामले भी आए हैं जहां जान तक चली गई है.
हमने इस पर मेरठ में गीजर बेचने, रिपेयर और सर्विस करने वाले एक्सपर्ट्स लोगों से बात की कि आखिर इन हादसों से कैसे बचा जा सकता है और एलपीजी गीजर और इलेक्ट्रिक गीजर को किस तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए ,क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
सबसे पहले हमने बात की मेरठ के रहने वाले हारून से जो की गीजर बेचते हैं, रिपेयर करते हैं और सर्विस देते हैं. उन्होंने बताया कि गीजर से हादसे नहीं होते हैं बल्कि लापरवाही से हादसे सामने आते हैं . इलेक्ट्रिक गीजर के मुकाबले में जो गैस गीजर तुरंत ही गर्म पानी देता है, इसमें पानी स्टोर करने की जरूरत नहीं होती और एक सिलेंडर काफी दिन तक चल जाता है. गैस गीजर को अगर सही से इस्तेमाल किया जाए तो यह बहुत बेहतर है इलेक्ट्रिक गीजर से, लेकिन इसका रखरखाव भी जरूरी है, समय पर इसकी सर्विस होनी चाहिए.
बहुत सारे लोग ऐसा करते हैं कि सर्दियों में गीजर लगवाते हैं और फिर जब सर्दियां चली जाती हैं तो गीजर को ऐसे ही छोड़ देते हैं और जब दोबारा सर्दी शुरू होती है तो दोबारा से बिना उसकी सर्विस किए ही उसको इस्तेमाल करने लगते हैं. उसमें बहुत सारे कीड़े पतंगे भी जा सकते हैं उसके पाइप भी ब्लॉक हो जाते हैं.
हमेशा ब्रांडेड गैस गीजर इस्तेमाल करना चाहिए. सेल भी हर साल नई डालनी चाहिए. अगर गैस गीजर इस्तेमाल में नहीं आ रहा है तो उसके सेल निकाल कर रख देने चाहिए .सेल भी हमेशा अच्छी कंपनी के ही लगाने चाहिए . उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन आने और जाने के लिए सुविधा होनी चाहिए, बाथरूम बंद नहीं होना चाहिए. जब गैस गीजर चलता है तो उसमें ऊपर से हीट निकलती है जिससे ऑक्सीजन खत्म हो जाती है. गैस गीजर को चलाने पर लगातार आग जलती है और उससे ही पानी गर्म होता है. समय पर सर्विस न करने से हादसे सामने आते हैं जैसे AC की सर्विस हर साल कराई जाती है, ऐसे ही गीजर की सर्विस भी होनी चाहिए .
उन्होंने गीजर को दिखाते हुए बताया कि कभी भी लंबे पाइप इसमें नहीं लगाए जाने चाहिए. गैस गीजर में सिलेंडर की दूरी ज्यादा नहीं हो. लंबे इस्तेमाल से पाइप भी खराब हो जाते हैं. समय-समय पर पाइप भी बदलना चाहिए. लोग टाइम पर पाइप नहीं बदलते हैं जिससे हादसे हो जाते हैं. गैस गीजर में आग लगने की संभावना बहुत कम होती है क्योंकि उसमें लीकेज होने पर तुरंत गैस बंद हो जाती है, गैस गीजर में हमेशा दम घुटने के मामले ही सामने आते हैं. उनका कहना है कि हमेशा कंपनी के रेगुलेटर ही इस्तेमाल करने चाहिए जो गैस को गैस गीजर तक पहुंचाते हैं और सरकारी ISI पाइप ही इस्तेमाल करना चाहिए.
हमेशा हादसे उसे समय होते हैं जब बाथरूम बंद होता है और उसमें हवा आने का कोई रास्ता नहीं होता. जब गीजर चलता है तो ऑक्सीजन खत्म हो जाती है अगर दो वेंटिलेशन हो तो और अच्छा है. गीजर को हो सके तो बाथरूम के बाहर लगाया जाए.
इलेक्ट्रिक गीजर की बात करें तो अब ज्यादातर जो गीजर आ रहे हैं, उसमें करंट की कोई दिक्कत नहीं आती है लेकिन उसकी भी सर्विस होनी जरूरी है. जो पानी का टैंक होता है, उसकी भी सर्विस करानी चाहिए. हमेशा गीजर को बंद कर इस्तेमाल करना चाहिए. गैस गीजर में रेगुलेटर लीक होगा तो आग लग जाती है ,टाइम पर सर्विस नहीं कर रहे हैं तो हादसा हो सकता है. सबसे बड़ी बात ऑक्सीजन के आने-जाने की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.
जब हम किसी चीज से सुविधा ले रहे हैं तो उसके कुछ नेगेटिव पॉइंट्स भी होते हैं जिनको ध्यान में रखना चाहिए. अगर आप सस्ते के मुकाबले कोई अच्छा गीजर ले तो उसमें बहुत ज्यादा कोई रेट में फर्क नहीं है, 1000 रुपए से ₹1200 का फर्क आता है . लोकल गीजर गैस ज्यादा लेता है उससे जीवन को खतरा होता है. कंपनी हमेशा अच्छा सामान रखती है ISI सामान लगती है और सेफ्टी भी उसी में होती है. अगर आग लग जाए तो ऑटोमेटिक गीजर बंद हो जाए, ऐसा होना चाहिए.