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भिखारियों को पसंद नहीं रैन बसेरा, मचाया गदर और बाथरूम की खिड़की तोड़ फरार

उज्जैन: मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन को भिखारी मुक्त बनाने की पहल तेज हो गई है. केन्द्र सरकार की ‘स्माइल योजना’ के तहत भिखारियों को भिक्षावृत्ति से बाहर निकालने का काम किया जा रहा है. इसी योजना के तहत महाकाल थाना पुलिस ने 25 भिखारियों को क्षिप्रा नदी के किनारे से रेस्क्यू कर फाजलपुर स्थित रैन बसेरा में शिफ्ट किया था. महाकाल पुलिस की सारी मेहनत पर तब पानी फिर गया, जब भिखारियों ने रैन बसेरा में उत्पात मचाना शुरू कर दिया और वहां तोड़फोड़ करने के बाद फरार हो गए.

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रैन बसेरे में तोड़फोड़ कर फरार हुए भिखारी

रैन बसेरा में पहुंचने के 2-3 घंटे बाद ही सभी भिखारियों ने जमकर हंगामा किया और बाथरूम की लाइट्स और कांच तोड़ दिए. इसके बाद सभी वहां से फरार हो गए. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें भिखारियों के भागने का वीडियो कैद हुआ है. एक सर्वे के अनुसार, उज्जैन में 2500 से अधिक भिखारी हैं.

जिसमें से 1200 भिखारी मूलत: उज्जैन के रहवासी हैं, बाकि त्योहारी सीजन में उज्जैन आते हैं और त्यौहार बीतने पर चले जाते हैं. इसमें से 550 महाकाल, हरसिद्धि, काल भैरव और चामुंडा माता मंदिरों जैसे धार्मिक स्थलों के आसपास सक्रिय हैं. पर्वों और धार्मिक आयोजनों के दौरान यह संख्या बढ़कर 1500 से अधिक हो जाती है.

‘जल्द ही इस मुहिम को दोबारा शुरू किया जाएगा’

उज्जैन महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र परिहार ने बताया कि “पूरी मेहनत के बावजूद यह प्रयास विफल रहा, लेकिन जल्द ही इस मुहिम को दोबारा शुरू किया जाएगा. उज्जैन में भिक्षुकों को पुनर्वासित करने और उन्हें स्वच्छ जीवनशैली अपनाने में शामिल करने के प्रयासों को और मजबूती की आवश्यकता है. प्रशासन द्वारा जल्द ही नए सिरे से इस योजना को लागू किया जाएगा.” रैन बसेरा में व्यवस्था और आवश्यक ढांचा गत सुविधाओं की कमी है. यह केंद्र स्वैच्छिक आश्रय के लिए बनाया गया है, लेकिन इसे भिखारियों को रखने और पुनर्वासित करने के उद्देश्य में सफल नहीं माना जा सकता.

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