पश्चिम बंगाल के 45 वर्षीय पर्वतारोही सुब्रत घोष की माउंट एवरेस्ट पर मौत हो गई. सुब्रत ने एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी कर तिरंगा फहराया था. इसी दौरान उन्हें बहुत थकान और ऊंचाई की बीमारी के लक्षण दिखाने लगे, जिसके बाद उन्होंने नीचे उतरने से इंकार कर दिया. उन्हें वापस नीचे लाने के लिए उनके शेर्पा गाइड ने बहुत कोशिश भी की, लकिन वे माने नहीं. इसी दौरान उनकी मौत हो गई.
पर्वतारोही सुब्रत घोष की मौत हिलेरी स्टेप के ठीक नीचे हुई. फिलहाल उनके शव को वापस नीचे लाने की कोशिश की जा रही है. इस पूरे सीजन में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
चढ़ाई पूरी करने के बाद हुई मौत
सुब्रत घोष कृष्णनगर पर्वतारोहण संघ-स्नोई एवरेस्ट अभियान 2025 का हिस्सा थे और शनिवार दोपहर को शिखर पर पहुंचे थे, लेकिन उतरते समय उसमें थकावट और ऊंचाई से जुड़ी बीमारी के लक्षण दिखने लगे. अभियान का आयोजन करने वाली कंपनी स्नोई होराइजन ट्रैक के प्रबंध निदेशक बोधराज भंडारी ने कहा कि आखिरकार उसने नीचे की ओर जाने से इनकार कर दिया. उनके शेरपा गाइड चंपल तमांग ने उन्हें नीचे उतारने की कोशिश भी की लेकिन वे नहीं माने.
सुब्रत घोष के शव को बरामद करने और उसे वापस बेस कैंप में लाने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल मौत का सही कारण सामने नहीं आया है, पूरी जानकारी पोस्टमार्टम जांच के बाद ही आएगी.
डेथ जोन के मौजूद है हिलेरी स्टेप
हिलेरी स्टेप, जो “डेथ जोन” के भीतर मौजूद है. 8,000 मीटर से ऊपर का क्षेत्र जहां का लेवल बहुत कम है. ये स्टेप पर्वतारोहियों के लिए हमेशा ही बेहद खतरनाक साबित होता है. इस हफ्ते की शुरुआत में एक और पर्वतारोही फिलिप II सैंटियागो की मौत हो गई थी. घोष और सैंटियागो दोनों ही स्नोई होराइजन ट्रेक की तरफ से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय अभियानों का हिस्सा थे.
इस सीजन में, नेपाल के पर्यटन विभाग ने 459 परमिट जारी किए हैं एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए 100 से ज़्यादा पर्वतारोही और गाइड पहले ही शिखर पर पहुंच चुके हैं. अकेले इस हफ़्ते 50 से ज़्यादा पर्वतारोही सफलतापूर्वक शिखर पर चढ़ चुके हैं.