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बेतिया : नववर्ष के बाद से बढ़ा ठंड का कहर, अलाव के नाम पर खानापूर्ति के लगे आरोप

बेतिया : नववर्ष के साथ ही पश्चिमी चंपारण जिले में ठंड का आगमन हो गया हैं. तापमान लगातार नीचे गिर रहा है. कड़ाके की ठंड अब सर्द रातों में गरीब ठेला-खोमचा लगाने वालों, रिक्शा चालकों, राहगीरों और अन्य लोगों को ठिठुराने लगी है. ठंड से निजात दिलाने के लिए नगर परिषद की ओर से चौक-चौराहों पर जो अलाव की व्यवस्था की जा रही है, वह महज खानापूर्ति बनकर रह गई है. नगर के कई व्यस्त भीड़-भाड़ वाले चौक-चौराहों के अलावा रेलवे स्टेशन परिसर और बाजार में अलाव की व्यवस्था नहीं है. स्थानीय दुकदारों, रिक्शा चालकों और ठेला खोमचा वालों ने बताया कि कुछ चौक-चौराहों पर सरे शाम अलाव जलाता है, लेकिन लकड़ी की मात्रा इतनी कम होती है कि एक घंटे के अंदर ही अलाव भी ठंडी हो जाती है.

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रात आठ बजे के बाद जब सर्दी का सितम शुरू होता है, ठिठुरन बढ़ती हैं अलाव की आग बुझ जाती है. लोगों का मानना है नगर परिषद की ओर ठंड में अलाव जलाने की व्यवस्था खानापूर्ति है. ऐसे में इस भीषण ठंड में सबसे ज्यादा परेशानी राहगीरों सहित गरीब टेंपू चालक को झेलनी पड़ रही हैं. पश्चिमी चम्पारण जिले में बढ़े ठंड को देखते हुए पश्चिमी चम्पारण जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में अलाव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया हैं.

बात करें नरकटियागंज की तो यहां नगर प्रशाशन के द्वारा अलाव के नाम पे बकास दिया जा रहा हैं. वही नगर के कुछ ही स्थानों पे ये व्यवस्था देखने को मिली. अलाव के नाम पे बकास की पूर्ति से नाराज नगरवासियो ने बताया कि नगर प्रशाशन के द्वारा अलाव के नाम पे सिर्फ बकास गिराया जा रहा हैं जो सिर्फ एक खानापूर्ति को दर्शाता हैं. मीडिया कर्मियों द्वारा नरकटियागंज नगर कार्यपालक पदाधिकारी उपेन्द्र कुमार से अलाव की जगह बकास गिराए जाने के सवाल पूछे जाने पे उन्होंने बताया कि चीनी मिल द्वारा बकास दिया जाता हैं ऐसे में बकास के साथ साथ लकड़ी भी जलाया जा रहा हैं.

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