आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- अगर स्वतंत्रता के बाद का हमारा इतिहास देखें तो उसके आधार पर कोई यह तर्क नहीं कर सकता कि भारतवर्ष उठेगा। लेकिन भारत वर्ष उठ रहा है। विश्व में अपना स्थान बना रहा है। विश्व में बड़ी ताकत है, लेकिन उसके बावजूद भारत अपना स्थान बना रहा है।
भागवत ने मंगलवार को सीकर के रैवासा धाम में संत राघवाचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने 9 दिवसीय सियपिय मिलन समारोह का शुभारंभ करते हुए राघवाचार्य को भी याद किया। इस दौरान संघ प्रमुख ने कहा- भगवान से प्रार्थना है कि मेरा दिमाग ठीक रहे।
भागवत के भाषण की 3 प्रमुख बातें…
1. प्रजातंत्र के मामले में दुनिया से आगे देश… भारत के स्वतंत्र होने के बाद लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि यहां प्रजातंत्र चल ही नहीं सकता। आज भारत आश्चर्यकारक रीति से प्रजातांत्रिक देश के नाते प्रजातंत्र के मामले में सारी दुनिया से आगे है।
2. भक्ति और शक्ति की भूमि… शक्ति और भक्ति की भूमि पर आज मेरा आना हुआ है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यहां मेरा जिस स्नेह से आपने स्वागत किया है, जो सद्भावना अच्छे शब्दों में प्रकट की है, यह सब देखकर मुझे एक बार फिर मुझे राघवाचार्य महाराज का स्मरण हुआ।
3. बहुत संत संघ के कार्यक्रमों में नहीं आए, लेकिन स्वयंसेवक हैं… मेरा तो सरसंघ चालक बनने के बाद उनसे संबंध हुआ था। उनसे पहली भेंट में मेरे ध्यान में दो बात आई थी- उनके मन में सबके लिए स्नेह था और सबको आत्मीय भाव से देखते थे। बहुत से संत ऐसे हैं संघ कार्यक्रमों में नहीं आए, लेकिन वो स्वयंसेवक हैं।
अब जानिए – रैवासा धाम और राघवाचार्य के बारे में महंत राघवाचार्य का करीब 11 महीने पहले हार्ट अटैक से निधन हो गया था। उन्होंने राजस्थान में वेदाश्रमों की भी स्थापना की। रैवासा वेद विद्यालय में वेदों की शिक्षा लेने वाले स्टूडेंट इंडियन आर्मी से लेकर कई बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। रैवासा धाम का धार्मिक महत्व भी है। यहीं पर तुलसीदास जी ने काव्य पद जानकीनाथ सहाय की रचना की थी।
9 दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होंगे देशभर के बड़े संत
सीकर के श्री जानकीनाथ बड़ा मंदिर (रैवासा धाम) में आज से 9 दिवसीय ‘श्री सियपिय मिलन समारोह’ की शुरुआत हुई है। महंत राघवाचार्य की प्रथम पुण्यतिथि (30 अगस्त) पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।
समारोह में योगगुरु बाबा रामदेव, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, श्रीगुरु शरणानंद जी महाराज, जगद्गुरु रामानंदाचार्य सहित कई संत भी शामिल होंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि जब वो पहली बार विधायक बने थे तब रैवासा धाम आए थे।