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भरतपुर: शहद उत्पादन में पहचान बना रहे किसान, सीएम ने मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा

भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर जिले को अब सरसों उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी पालन में भी विशेष पहचान मिल रही है. यहां के किसान अब खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन को एक महत्वपूर्ण रोजगार के रूप में अपना रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. जिले के कई किसान, जिनमें से अधिकांश मधुमक्खी पालन के जरिए अच्छे मुनाफे की कमाई कर रहे हैं, अब इस व्यवसाय को एक स्थिर और लाभकारी साधन मानने लगे हैं.

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भरतपुर जिले के मिलकपुर गांव के किसान भरत सिंह ने मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से करीब 10 लाख रुपए सालाना की आय अर्जित की है. 10 साल पहले इस व्यवसाय की शुरुआत करने वाले भरत ने 20 डिब्बों से अपना काम शुरू किया था और अब उनके पास 300 डिब्बे हैं, जिनसे वह हर साल 9,000 किलो शहद का उत्पादन करते हैं. इस व्यवसाय को शुरू करने के बाद से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई है.

 

किसान की पत्नी सरोज देवी ने बताया कि वह भी पिछले आठ साल से अपने पति के साथ इस व्यवसाय में मदद कर रही हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है और अब वे किसी पर निर्भर नहीं हैं. उन्होंने अन्य किसानों से भी इस व्यवसाय को अपनाने की सलाह दी है, क्योंकि इसमें कम लागत में अच्छा मुनाफा हो सकता है.

इसके अलावा, बिहार से आए मधुमक्खी पालन व्यवसायी मधुसूप ने भी शहद उत्पादन में अपनी सफलता की कहानी साझा की. उन्होंने बताया कि उन्हें यह व्यवसाय शुरू करने में कोई खास शिक्षा की जरूरत नहीं पड़ी और 2001 से उन्होंने इसे शुरू किया. अब उनके पास 600 डिब्बे हैं, जिनसे वे हर साल 15 लाख रुपए से अधिक की कमाई करते हैं.

भरतपुर जिले में अब कुल 3,000 किसान मधुमक्खी पालन से जुड़ चुके हैं और जिले में प्रति वर्ष 2400 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन होता है. यहां की शहद न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी बेची जाती है. शहद की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए जिले में एक निजी परीक्षण प्रयोगशाला भी है, जिसमें शहद को शुद्ध किया जाता है और फिर इसे अमेरिका, कनाडा, लीबिया, सऊदी अरब जैसे देशों में भेजा जाता है.

राज्य सरकार भी इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है और किसानों को 40% तक की सब्सिडी दे रही है. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 2024-25 के बजट में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए जिले में “मधुमक्खी उत्कृष्टता केंद्र” खोलने की घोषणा की है. इसके लिए लखनपुर गांव में 10 हैक्टेयर जमीन का आवंटन कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले दो साल में इस केंद्र से किसानों को बड़ा लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.

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