भरतपुर: शहर में ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या से यातायात व्यवस्था चरमरा गई है. सड़कों पर अराजकता का माहौल है जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. बिना रजिस्ट्रेशन और तय रूट के दौड़ रहे ई-रिक्शा जिला और पुलिस प्रशासनिक लापरवाही का प्रमाण हैं. परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के दावों के बावजूद जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
जिससे शहर की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. बात मुख्य बाजार की करें तो यहां भी आए दिन जाम लगने से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है ई रिक्शा चालक सवारियों को देख बीच में ही खड़ा कर देते हैं इसके अलावा सब्जी एवं फल ठेले वाले भी बीच में लगाकर खड़े रहते हैं इसके अलावा टू व्हीलर और फोर व्हीलर चालक मुख्य बाजार मैं रोड पर बीचो-बीच खड़ा कर यातायात को बिगाड़ रहे हैं.
साथ ही व्यापारियों के द्वारा सामान दुकानों के बाहर रखे जाने से भी जाम की स्थिति पैदा होती है.कई चौराहों पर तो यह स्थिति है कि ट्रैफिक पुलिस कर्मी ड्यूटी से गायब रहते हैं. यह हालत बिजली घर से लेकर मथुरा गेट, प्रदीप जनरल स्टोर ,चौबुर्जा, गंगा मंदिर, दही वाली गली ,लक्ष्मण मंदिर ,कोतवाली और कुम्हेर गेट तक देखने को मिलते हैं। लेकिन जब पुलिस अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया.
स्थानीय निवासी सुरेश पदयात्री ने बताया कि इस समय बाजार में जम के हालात हैं मुख्य वजह यही है कि ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से खराब पड़ी है कोई ट्रैफिक प्लान नहीं है कई बार उच्च पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है. बाजार में लोगों का पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है बाजार में कई ऐसी जगह है जहां पुलिसकर्मी ड्यूटी पर नहीं मिलते हैं जिसके चलते जाम के हालात पैदा हो जाते हैं.
व्यापार महासंघ के महामंत्री नरेंद्र गोयल ने बताया कि इस समय बाजार में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. कई बार व्यापार महासंघ के पदाधिकारी की बैठक जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ हुई है कई बातों पर सहमति बनी है लेकिन फिर भी उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती स्थिति जस की तस है.