भिलाई: बीमारी से परेशान डॉक्टर ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा- परिवार को तंग न करें, एक दिन पहले खरीदी थी रस्सी..

भिलाई के सुपेला के कांट्रैक्टर कॉलोनी वार्ड 6 में रहने वाले 61 वर्षीय डॉ. आरती राम साहू ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने परिवार के लोगों को परेशान न करने की बात लिखी है। सुपेला पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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जानकारी के मुताबिक डॉ. आरती राम साहू गायत्री प्रज्ञापीठ रामनगर मुक्तिधाम भगवती संस्थान के वरिष्ठ कार्यकर्ता थे। वो कांट्रैक्टर कॉलोनी में ही अपना क्लीनिक चलाते थे।

कांग्रेस पार्षद लालचंद वर्मा ने बताया कि डॉ. साहू काफी सपन्न परिवार से हैं। घर में उनकी पत्नी के साथ उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। वो नाती-नातिनों के साथ काफी समय बिताते थे।

घुटनों के दर्द से परेशान थे आरती राम

लालचंद वर्मा ने बताया कि वो उनके काफी अच्छे मित्र थे। जब भी मिलते तो काफी देर तक चर्चा करते। उन्होंने बताया कि आरती राम राहू का शरीर थोड़ा भारी था, इसके चलते उन्हें घुटनों में दर्द की समस्या थी। वो चल फिर नहीं पाते थे। इसको लेकर वो कई बार उनसे चर्चा किए थे कि वो इस बीमारी से काफी परेशान हैं।

उनके पास से एक छोटा से सुसाइड नोट भी मिला है। उसमें उन्होंने लिखा है कि वो अपनी बीमारी से परेशान हैं। इसलिए ऐसा कर रहे हैं। उनके परिवार के लोग काफी अच्छे हैं। उन्हें उनसे कोई शिकायत नहीं है।

पहले से बना लिया था खुदकुशी करने का मन

डॉ. आरती राम साहू ने पहले से ही सुसाइड करने का मन बना लिया था। उन्होंने फंदा तैयार करने के लिए एक दिन पहले दुकान से नई नायलोन की रस्सी खरीदी थी। इसके बाद उसे झोला में रखा था।

15 मार्च की सुबह उन्होंने घर में नाश्ता किया और झोला लेकर निकल गए। जाने से पहले उन्होंने अपने नाती-नातिनों को बुलाया उन्हें दुकान ले गए और चॉकलेट भी दिलाई थी।

चंद्रा मौर्या टॉकीज के पीछे पेड़ पर लगाई फांसी

इसके बाद वो पैदल रास्ते चंद्रा मौर्या टॉकीज के पीछे रेलवे ट्रैक की तरफ गए। वहां जंगल वाले एरिया में एक पेड़ से फंदा बनाया और उसमें झूल गए। शाम को जब लोगों ने उन्हें फंदे पर लटका देखा तो पुलिस और घरवालों को सूचना दी।

किया गया अंतिम संस्कार

रविवार को डॉ. साहू के शव का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद दोपहर 12 बजे रामनगर मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी मौत के बाद पूरे परिवार में मातम पसर गया है।

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