शराब की दुकान के विरोध में महिलाएं अब सड़क पर उतर आई हैं। गुरुवार को खुर्सीपार शिवाजी नगर क्षेत्र में शराब की दुकान खुलने के पहले महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया। महिलाओं ने दुकान खोलने पहुंचे कर्मियों को रोक दिया और शटर खोलने ही नहीं दिया। दुकान के सामने ही धरने पर बैठ गईं।
महिलाओं ने प्रदर्शन करते हुए दो टूक कहा कि वे यहां पर शराब की दुकान खुलने नहीं देंगी। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था लगा दी है। शराब की यह दुकान उसी वार्ड में राजेंद्र नगर से शिफ्ट की गई है, जहां बीते सप्ताह हत्या की घटना की घटना हुई थी. उसी घटना के बाद वहां की महिलाएं विरोध करते हुए सड़क पर बैठ गई।
बता दें कि आबकारी विभाग की ओर से खुर्सीपार के वार्ड-51 शिवाजी नगर में फोरलेन के ठीक किनारे एक बिल्डिंग में शराब की दुकान खोलने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। एक दिन पहले ही इसी वार्ड में करीब एक किलोमीटर दूर स्थित राजेंद्र नगर स्थित दुकान से पूरा सामान शिफ्ट कर लिया गया।
गुरुवार को जैसे ही शराब दुकान खोलने का प्रयास हुआ, महिलाएं सुबह नौ बजे के करीब मौके पर पर पहुंच गईं और दुकान के शटर को खुलने नहीं दिया। विरोध इतना संगठित और शांतिपूर्ण था कि आबकारी विभाग के लोगों को वहां से हटना पड़ गया। इसके बाद विभाग द्वारा वहां पर पुलिस बुला ली गई। समझाइश का प्रयास चला लेकिन महिलाओं वहीं धरना पर बैठी रही।
हत्या के बाद इलाके लोगों में आक्रोश
दुकान के विरोध में बैठी महिलाओं का कहना है कि हमें शराब नहीं, सुरक्षा चाहिए। प्रशासन सुरक्षा को नजरअंदाज कर शराब को प्राथमिकता देने पर आतुर है। बीते 17 सितंबर को राजेंद्र प्रसाद नगर में शराब के नशे में एक युवक की हत्या ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। 32 वर्षीय एस. कामेश राव की हत्या के बाद वहां की महिलाओं का आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया था। इस वारदात के बाद नाराज लोग मृतक के शव के साथ फोरलेन के सर्विस रोड पर धरना पर बैठ गए थे।
उस समय घंटों हंगामा के बाद प्रशासन ने आश्वस्त किया था कि शराब की दुकान वहां से हटा देंगे। प्रशासन की ने उस शराब की दुकान को वहां हटाकर फोर लेन के किनारे लाया गया, लेकिन महिलाएं यहां भी शराब दुकान खोलने का विरोध कर रही हैं।
महिलाओं का आरोप है शराब की दुकान होने के कारण असामाजिक तत्वों की आवाजाही बढ़ गई है। महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है और बच्चे भी डर के माहौल में जी रहे हैं।