भीलवाड़ा पुलिस का बड़ा वार: तस्करों की ‘जड़ों’ पर चोट, अवैध संपत्ति तक पहुंची खाकी

 

भीलवाड़ा: जिले में पुलिस अब केवल नशे का जखीरा पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि तस्करों की काली कमाई पर भी सीधी चोट कर रही है. पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव के निर्देशन में अगस्त माह की शुरुआत से ही जिलेभर में अभियान चलाया गया, जिसके तहत 15 दिन में 10 बड़ी कार्रवाइयां हुईं.

इन कार्रवाइयों में स्मैक, गांजा, डोडा-चूरा, अफीम दूध जैसे करोड़ों के मादक पदार्थ जब्त किए गए, साथ ही 15 तस्करों को गिरफ्तार कर कई वाहन भी जब्त किए गए. सबसे अहम कदम यह रहा कि तस्कर भैरूलाल जाट की एक करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को धारा 68एफ के तहत फ्रीज कर दिया गया, जिससे नशे के धंधे को आर्थिक रूप से भी करारा झटका लगा है.

तस्करी के नेटवर्क पर पुलिस का दबदबा

बिजौलिया, गुलाबपुरा, गंगापुर, काछोला, सुभाषनगर, आसींद और कोटड़ी में हुई कार्रवाइयों ने साफ कर दिया है कि पुलिस की निगाहें अब छोटे सौदागरों से लेकर बड़े गिरोह तक पर टिकी हुई हैं. हथियार तस्करी में लिप्त आरोपियों को भी सलाखों के पीछे भेजकर पुलिस ने यह संदेश दिया कि अपराध चाहे किसी भी रूप में हो, बख्शा नहीं जाएगा. गांजे की खेती से लेकर डोडा-चूरा की सप्लाई तक पुलिस ने हर कड़ी को तोड़ने की कोशिश की है.

तस्करों की ‘काली अर्थव्यवस्था’ पर चोट

मादक पदार्थ की बरामदगी के साथ-साथ अवैध संपत्ति को फ्रीज करना पुलिस की नई रणनीति मानी जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि तस्करी रोकने का सबसे कारगर तरीका है तस्करों के आर्थिक स्त्रोतों पर हमला करना, क्योंकि पैसों के बिना नशे का धंधा टिक नहीं सकता.

एसपी का संदेश

जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव ने बताया है कि “जिलेभर में मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ अभियान निरंतर जारी है. न केवल अवैध माल बरामद हो रहा है बल्कि उनकी काली कमाई को भी जब्त कर तस्करों को बड़ा आर्थिक झटका दिया जा रहा है.”

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