सहारनपुर में संत श्री गुरु रविदास महाराज की शोभायात्रा की अनुमति नहीं मिलने से आक्रोशित भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कमिश्नर कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह शोभायात्रा पिछले कई वर्षों से निकाली जा रही है, और यह एक परंपरा बन चुकी है, लेकिन इस साल प्रशासन ने बिना किसी स्पष्ट कारण के अनुमति देने से इनकार कर दिया.
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रशासनिक दफ्तर में प्रवेश तक नहीं करने दिया गया, जो कि उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश थी. कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर दबाव डालते हुए चेतावनी दी कि यदि उन्हें शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो वे हर गांव और हर इलाके से शोभायात्रा निकालने के लिए मजबूर होंगे और इस मामले की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन की होगी.
विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और उन्होंने जल्द से जल्द शोभायात्रा की अनुमति देने की मांग की। इस आक्रोशपूर्ण विरोध को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके. प्रशासन की यह सख्ती और कार्यकर्ताओं का विरोध दोनों ही पक्षों के बीच एक तनावपूर्ण माहौल पैदा कर रहा है, जिसके चलते यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो गया है.
भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह शोभायात्रा धार्मिक और सामाजिक महत्व रखती है, और इसे आयोजित करने का उनका कानूनी अधिकार है.उनके अनुसार, इस शोभायात्रा को रोकना उनके समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने जैसा है. प्रशासन से जल्दी से जल्दी इस मुद्दे का हल निकालने की अपील की जा रही है, ताकि समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखा जा सके.