पावर स्टार के नाम से मशहूर भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह आज काराकाट लोकसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे. बता दे कि पवन सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है. पवन सिंह लगातार काराकाट लोक सभा क्षेत्र में अपना प्रचार कर रहे हैं. जनता की तरफ से उन्हें अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है. वहीं, एक तरफ पवन सिंह की उम्मीदवारी ने एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा की चिंता बढ़ा दी है तो वहीं, महागठबंधन की तरफ से CPI (ML) के प्रत्याशी राजा राम सिंह कुशवाहा ताल ठोक रहे हैं.
क्या है काराकाट का जातीय समीकरण?
अगर जातीय समीकरण की बात करें तो काराकाट लोकसभा क्षेत्र में दो लाख से ज्यादा राजपूत वोटर हैं. इसके साथ ही 75 हजार ब्राह्मण और 50 हजार के करीब भूमिहार वोटर हैं. कोइरी-कुर्मी वोटर की बात करें तो लगभग ढाई लाख है. सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों के प्रत्याशी एक ही जाती यानी कि कुशवाहा जाति से आते हैं. ऐसी स्थिति में अगर कुशवाहा वोट बैंक में बंटवारा हुआ तो पवन सिंह की जीत की राह आसान हो सकती है या संभवत हुआ तो जीत भी सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है की काराकाट लोकसभा क्षेत्र से उपेंद्र कुशवाहा मोदी के नाम के सहारे अपनी नैया पार लगा पाएंगे या पवन सिंह जनता में अपनी प्रति दीवानगी को वोट में बदल पाएंगे.
भारतीय जनता पार्टी ने पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था. जिसके बाद TMC नेता और गायक बाबुल सुप्रियो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए पवन सिंह पर निशाना साधते हुए उन पर बंगाली महिलाओं को लेकर अश्लील गीत गाने का आरोप लगाया था.
बाबुल सुप्रियो के पोस्ट के बाद विवाद बढ़ गया था. बढ़ते विवाद को देखते हुए पवन सिंह ने अपना नाम आसनसोल लोकसभा सीट से वापस ले लिया था. इसके बाद कयास लगाया जा रहा था कि भाजपा उन्हें बिहार के किसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद पवन सिंह ने काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.